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जयपुर। राजस्थान के भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर विदेशों में बैठे अपने दोस्तों की मदद से काले धन (ब्लैक मनी) को सफेद धन (वाइट मनी) में बदलने का आरोप लगाते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को एक शिकायत सौंपी।
शिकायत में मीणा ने गहलोत को काले धन को सफेद धन में बदलने में मदद करने वालों के रूप में लंदन से बाहर रहने वाले नरेंद्र सिंह ढींडसा, ब्रिटेन के निवासी हितेश बयानी और एक रूसी नागरिक युक लैटिनसिक को नामित किया है।
शिकायत में अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत और उनकी बहू हिमांशी गहलोत सहित कई अन्य लोगों को भी नामजद किया, जिसमें सांसद ने आरोप लगाया था कि मॉरीशस की एक शेल कंपनी मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल है।
मीणा अपने समर्थकों के साथ शुक्रवार दोपहर ईडी कार्यालय पहुंचे और संयुक्त निदेशक रैंक के अधिकारी को 10 पन्नों की शिकायत सौंपी। उन्होंने शिकायत में आरोप लगाया कि वैभव गहलोत के एक बिजनेसमैन के साथ संबंध हैं, जो अशोक गहलोत से प्राप्त अवैध धन का उपयोग करके देश भर में उद्यम चलाता है।
मीणा ने यह भी आरोप लगाया कि वैभव गहलोत और अन्य द्वारा टैक्स चोरी और ‘बेनामी’ लेनदेन किए गए। वैभव गहलोत और उनके साथ कथित तौर पर व्यापार करने वाले एक व्यक्ति के खिलाफ शिकायत में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है।
इससे पहले गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीणा ने दावा किया था कि जांच में अशोक गहलोत के देश के सबसे अमीर राजनेता होने का खुलासा होगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि मुख्यमंत्री के बेटे ने जयपुर में एक होटल संचालित करने वाली हॉस्पिटैलिटी इकाई में 96.75 करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए मॉरीशस की एक अवैध फर्म का इस्तेमाल किया था।
उन्होंने आरोप लगाया कि गहलोत परिवार अपने अवैध रूप से अर्जित धन को मनी लॉन्ड्रिंग के माध्यम से कानूनी रूप से परिवर्तित करने के लिए एक शेल कंपनी का उपयोग कर रहा है।
–आईएएनएस