अभिनव न्यूज | ट्रैक्टर-ट्राॅली के 4.80 कराेड़ के टेंडर काे मेयर ने निरस्त कर दिया। आयुक्त बोले, इसे मेयर ने ही मंजूर किया है। निरस्त करने का अधिकारी उपापन समिति काे है। मेयर निरस्त नहीं कर सकती। मेयर सुशीला कंवर ने 26 जुलाई काे आयुक्त काे पत्र लिखते हुए कहा कि टेंडर के लिए वित्त समिति की स्वीकृति लेने का प्रावधान है। वित्त समिति का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। ऐसे में ये अधिकार बाेर्ड के पास हैं। मेयर ने लिखा कि 2009 की धारा 8 के तहत इसके अधिकार निकाय अध्यक्ष के पास है। इसलिए नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 49 एवं 332 की सपठित धारा 337 की शक्तियों का उपयाेग करते हुए ये टेंडर निरस्त किया जाता है।
इधर, आयुक्त गाेपालराम विरदा कहा कि इस टेंडर की स्वीकृति मेयर ने ही दी थी। जब वो पहला टेंडर सफल नहीं हुआ तो उसी स्वीकृति के आधार ये टेंडर जारी किया गया। टेंडर संबंधी निर्णय करने का अधिकार मेयर को नहीं होता। ये हक उपापन समिति के पास है जिसमें कमिश्नर, लेखाधिकारी और एचओ समेत दूसरे सदस्य शामिल हाेते हैं। विरदा बाेले, मामला डीएलबी के संज्ञान में डाल दिया और उनकी मंजूरी के लिए भेज रहा हूं ताकि टेंडर मंजूर हाे और मानसून के दिनाें में शहर से कचरा उठे।
गौरतलब है कि ट्रैक्टर ट्रॉली के टेंडर को लेकर पिछले दो महीने से मेयर और आयुक्त के बीच विवाद चल रहा है। मामला स्वायत शासन विभाग तक जा पहुंचा है। लेकिन इसका कोई हल अब तक नहीं निकल पाया है।