अभिनव न्यूज, बीकानेर। पूर्व राजपरिवार से जुड़े विवाद में राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर ने नए सिरे से आदेश जारी किए हैं। एक बार फिर बीकानेर पूर्व की विधायक और पूर्व राजपरिवार सदस्य सिद्धि कुमारी पर पाबंदी लगाई गई है। इस आशय का दावा महारानी सुशीला कुमारी रिलिजियस एंड चेरिटेबल ट्रस्ट की ओर से जारी प्रेस नोट में किया गया है। ट्रस्ट ने कहा है कि राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर ने आदेश जारी कर महारानी सुशीला कुमारी रिलीजियश एण्ड चैरिटेबल ट्रस्ट, लालगढ पैलेस, बीकानेर प्रकरण में सिद्धी कुमारी व उनके द्वारा लिए गए सदस्यों पर पाबन्दियों लगाई गई है।
बीकानेर राजपरिवार द्वारा स्थापित ट्रस्टों के विवाद में राजस्थान हाईकोर्ट, जोधपुर ने करणीसिंह फाउंडेशन ट्रस्ट विवाद मे देवस्थान विभाग के आदेश के खिलाफ आदेश जारी कर सिद्धी कुमारी व उनके द्वारा लिए गए नए सदस्यों पर पाबन्दियां लगा दी है। आदेश में कहा गया है कि सिद्धी कुमारी व उनके द्वारा लिए गए नए सदस्य पर ट्रस्ट प्रॉपर्टी को किसी तरह किसी तीसरे पक्ष को बेचने, लीज पर देने या फिर हस्तांतरित करने पर रोक लगी है। इसी तरह सिद्धी कुमारी व नए सदस्य ट्रस्ट से संबंधित विभिन्न न्यायालयों में लंबित मुकदमों व अपीलों व एप्लीकेशन्स को वापस नहीं लेंगे। सिद्धी कुमारी व नए सदस्यों को बाध्य किया है कि वे बैंक से 3 लाख से ज्यादा रुपए नहीं निकालें जाएं।
आयुक्त देवस्थान विभाग को लम्बित अपील को आगामी पेशी और जल्द निस्तारण करने का आदेश दिया गया है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि सिद्धी कुमारी ने कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर महाराजा डॉ. करणीसिंह जी की पुत्रियां राज्यश्री कुमारी, मधुलिका कुमारी व हनुवंत सिंह आदि को सहायक आयुक्त देवस्थान विभाग से ट्रस्ट एक्ट व ट्रस्ट डीड के प्रावधानों के खिलाफ जाकर एक आदेश पारित करवाकर ट्रस्टीशीप से हटवाया था, जिसके खिलाफ जोधपुर हाईकोर्ट में अपील की गई। इसी मामले में ये आदेश आया है। इसी तरह एक अन्य नोट में करणी सिंह फाउंडेशन ट्रस्ट ने कहा है कि करणी सिंह फाउंडेशन ट्रस्ट विवाद मामले में भी अदालत ने इसी तरह की रोक लगाई है। इस ट्रस्ट से भी तीन लाख रुपए से अधिक की राशि नहीं ली जा सकेगी।