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Thursday, September 19

भवानी भाई साहित्यिक सांस्कृतिक पुरोधा थे :- मुस्तफ़ा स्व.भवानी भाई की स्मृति में भावांजलि एवं काव्य गोष्ठी आयोजित की गई।

अभिनव न्यूज।
बीकानेर:
लोक जागृति संस्थान बीकानेर द्वारा बीकानेर की गंगा-जमुनी संस्कृति के पुरोधा, आमजन के हितैषी व समाज के सभी वर्गों से सीधा जुड़ाव रखने वाले पहले निर्वाचित महापौर,जननेता स्व. भवानी शंकर शर्मा (भवानी भाई ) की 5वीं पुण्यतिथि पर आज महाराजा नरेंद्र सिंह ऑडिटोरियम,नागरी भंडार में स्वर्गीय भवानी भाई की याद में भावांजलि एवं काव्यांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया।

संस्थान के सचिव एडवोकेट इसरार हसन क़ादरी एवं अध्यक्ष ग़ुलाम मुस्तफ़ा बाबू भाई ने संयुक्त रूप से बताया कि इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार राजेंद्र जोशी ने की।
जोशी ने अध्यक्षीय उद्बोधन के रूप में स्वर्गीय भवानी शंकर शर्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वह एक ऐसे व्यक्तित्व थे जो हमेशा संघर्ष करते हुए आगे बढ़े, वे एक जुझारू जन नेता थे। लोक जागृति संस्थान अपने सांस्कृतिक पुरोधाओं को याद करके बहुत सराहनीय कार्य कर रही है।


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कांग्रेस नेता बाबू जयशंकर जोशी ने कहा कि भवानी भाई बीकानेर की सांस्कृतिक विरासत के महान पुरोधा थे,वे बीकानेर की जनता से भरपूर स्नेह रखते थे।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि जयपुर के नौजवान शायर इमरान क़ैस थे। उन्होंने भवानी भाई को सच्चा जन नेता बताया और क़ैस ने अपनी शायरी से उन्हें अपनी ख़िराजे अक़ीदत पेश की। उन्होंने बीकानेर को साहित्यिक एवं सांस्कृतिक विरासत से समृद्ध नगर बताया।
संस्थान के अध्यक्ष ग़ुलाम मुस्तफ़ा बाबू भाई ने स्वर्गीय भवानी शंकर शर्मा को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि भवानी भाई दलितों के मसीहा थे । वे साहित्य एवं संस्कृति को आगे बढ़ाने वाले एवं साहित्यिक सांस्कृतिक आयोजनों में भागीदारी निभाने वाले सांस्कृतिक पुरोधा थे।
कार्यक्रम में नगर के कवि,शायर और कवयित्रियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से स्वर्गीय भवानी शंकर शर्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की।


शायर क़ासिम बीकानेरी ने अपनी ग़ज़ल के इस शे’र के ज़रिये वर्तमान समय में रिश्तों में आई गिरावट को यूं रेखांकित किया- ‘रिश्तों की लाज शर्म को खूंटी पे टांगना/ इंसान ने ये सीख ली कैसी कला है आज’ सुना कर श्रोताओं से भरपूर दाद पाई। वरिष्ठ शायर ज़ाकिर अदीब ने-‘सहमे हुए जो रहते हैं हर वक़्त मौत से/ख़ुद बन न जाए उनके लिए ज़िंदगी सज़ा’, डॉ.ज़ियाउल हसन क़ादरी ने ‘गुल्सितां में बहारें आएंगी/बागबां किस तरह ये बोला झूट’, इमदाद उल्लाह बासित ने-‘दिलों पर राज़ करने का सलीक़ा हमसे तुम सीखो/ सभी को साथ लेकर हमने सदियों हुक्मरानी की’, असद अली असद ने-‘ यादे भवानी दिल से हमारे न जाएगी/ जब अंजुमन सजेगी तेरी याद आएगी’, इंद्रा व्यास ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।
श्रद्धांजलि कार्यक्रम में वरिष्ठ गायक कलाकार अनवर अजमेरी, हरि किशन व्यास, इसरार हसन क़ादरी, लेखक नदीम अहमद नदीम, हीरालाल हर्ष, नित्यानंद पारीक, पूर्व पार्षद उम्मेद सिंह राजपुरोहित, पार्षद अब्दुल वाहिद, रमज़ान रंगरेज, लालचंद, मोहम्मद आरिफ, एडवोकेट शमशाद अली, शिव प्रकाश शर्मा, राहुल जादूसंगत, नितिन वत्सस,बाबू सुराणा,सुरेंद्र व्यास, हनुमान व्यास,गजानंद शर्मा, आनंद सिंह सोढ़ा एवं सलमान ख़ान सहित नगर के अनेक क्षेत्रों के प्रबुद्धजनों ने स्वर्गीय भवानी शंकर शर्मा को श्रद्धासुमन एवं भावांजलि अर्पित की।
श्रद्धांजलि कार्यक्रम के प्रारंभ में सभी अतिथियों एवं समस्त आगंतुकों द्वारा स्वर्गीय भवानी शंकर शर्मा के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। एडवोकेट इसरार हसन क़ादरी ने स्वर्गीय भवानी शंकर शर्मा की सुपुत्री नारी निकेतन जोधपुर की अध्यक्ष भारती शर्मा द्वारा श्रद्धांजलि के रूप में भेजे गए संवेदनात्मक पत्र का वाचन किया। कार्यक्रम के अंत में दो मिनट का मौन रखकर स्वर्गीय भवानी शंकर शर्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम का संचालन शायर क़ासिम बीकानेरी ने किया।

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