अभिनव टाइम्स बीकानेर। पीबीएम शिशु हॉस्पिटल में अब एक ऐसी यूनिट बनने जा रही है जिसमें प्रसूता मां बीमार हो या उसका नवजात बच्चा दोनों को एक साथ रखा जाएगा। इस यूनिट का नाम होगा मदर नियोनेटल केयर यूनिट (एमएनसीयू)। लगभग 90 लाख की लागत से बन रही इस यूनिट में जहां मां के लिए बेड होगा वहीं बच्चे के लिए क्रेडल (पालणा) लगेगा। पहले चरण में 22 बेड-क्रेडल का वार्ड बनेगा जिसे बाद में बढ़ाया जा सकेगा। अभी शिशु हॉस्पिटल में 50 क्रेडल की नर्सरी है। ऐसे में एमएनसीयू को भी 50 बेड या इससे अधिक की संख्या तक बढ़ाया जा सकता है।
नर्सरी से सटा वार्ड होने से डॉक्टर-नर्स हर वक्त मौजूद रहेंगे। बच्चे को भूख लगते ही मां स्तनपान करवा पाएगी। समय पर डायपर बदलने जैसे काम कर पाएगी। पीडिएट्रिक हॉस्पिटल के फर्स्ट फ्लोर पर नर्सरी के पास यह वार्ड बनाया जाएगा ताकि जरूरत पड़ते ही बच्चे को तुरंत नर्सरी में शिफ्ट किया जा सकेगा। पूरी लागत लगभग एक करोड़ रुपए होगी। इसमें से 10 लाख रुपए उपकरणों पर खर्च होंगे। बीकानेर के साथ ही प्रदेश के 12 हॉस्पिटलों में ऐसी यूनिट बनाने का निर्णय हुआ है। सब जगह एक साथ काम शुरू होने की संभावना है। विभागाध्यक्ष डॉ.पी.के.बैरवाल का कहना है, साथ रहने से मां-बच्चे के बीच भावनात्मक जुड़ाव तो बढ़ेगा, बीमार बच्चा जल्दी ठीक होगा। इसकी स्वीकृति मिल चुकी है। जल्द काम शुरू हो जाएगा।
मौत की आशंका 40 प्रतिशत कम हो जाती है : डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट में स्टडी के आधार पर बताया गया है कि बीमार नवजात को मां के समीप ही रखा जाए तो वह जल्दी ठीक हो जाता है। वह लगातार स्तनपान करवाती है। उसे खुद से सटाकर रखती है। इसे कंगारू मदर केयर (केएमसी) कहते हैं। केएमसी कुछ मामलों में बच्चों की मृत्यु की आशंका को 40 प्रतिशत तक कम कर देती है।
मांओं को अब गैलरी में नहीं बैठना पड़ेेगा
अब तक क्या : बच्चा बीमार है तो उसे नर्सरी में रखते हैं मां के लिए बेड नहीं होता, वह गैलरी में बैठी दूध पिलाने के लिए करती है इंतजार
फायदा क्या : मां को बच्चे से दूर नहीं रहना पड़ेगा, बच्चे को कंगारू मदर केयर (केएमसी) मिलने से वह जल्दी ठीक होगा, माताओं की परेशानी दूर होगी
अब क्या होगा : बच्चा या मां में से कोई भर्ती होगा तो एक यूनिट में दोनों को साथ रखा जाएगा, इस यूनिट में बेड और क्रेडल (पालणा) दोनों साथ होंगे, यूनिट का नाम होगा मदर नियोनेटल केयर यूनिट (एमएनसीयू)