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Thursday, September 19

सावधान, हल्के में न लें मंकीपॉक्स को! WHO ने दिया अपडेट, PM मोदी भी हालात पर रखे हैं नजर

अभिनव न्यूज, नेटवर्क। इन दिनों दुनिया में तेजी से फैल रहे मंकीपॉक्स या एमपॉक्स के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि यह मां से उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को भी हो सकता है. संगठन ने रविवार (18 अगस्त) को एमपॉक्स के जुड़ी कुछ जानकारियां सवाल-जवाब के रूप में शेयर की हैं. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लगातार एमपॉक्स की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. इसको लेकर एक हाईलेवल मीटिंग भी हुई.

डब्ल्यूएचओ ने बताया कि एमपॉक्स आम तौर पर छूने, यौन संबंध बनाने और नजदीकी संपर्क में रहने से होता है. इसके अलावा एमपॉक्स वायरस संक्रमित व्यक्ति की छुई गई किसी चीज या सतह को छूने से भी स्वस्थ व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकता है. जानकारियों में कहा गया है, गर्भावस्था के दौरान संक्रमण भ्रूण तक भी फैल सकता है. जन्म के समय या जन्म के बाद त्वचा से त्वचा के संपर्क में आने से और शिशु या बच्चों से माता-पिता के नजदीकी संपर्क में आने से भी यह फैल सकता है.

‘स्वस्थ शख्स में भी मिला संक्रमण’

डब्ल्यूएचओ का कहना है कि जिस व्यक्ति में वायरस हैं, लेकिन बीमारी के कोई लक्षण नहीं है, यानी जो पूरी तरह स्वस्थ दिख रहा है, उससे संक्रमण फैलने की कुछ रिपोर्ट मिली है, लेकिन इस बारे में अभी और अध्ययन की जरूरत है. संक्रमित व्यक्तियों के शुक्राणुओं में भी एमपॉक्स के जिंदा वायरस मिले हैं, लेकिन अभी यह ज्ञात नहीं है कि शुक्राणु, योनी के फ्लुइड या मां के दूध से संक्रमण फैलने का कितना खतरा होता है.

पीएम मोदी बनाए हुए हैं स्थिति पर नजर

वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार एमपॉक्स की स्थिति पर नजर रख रहे हैं. प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी की सलाह पर प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी. के. मिश्रा ने देश में एमपॉक्स की तैयारियों की स्थिति और संबंधित सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. उच्च स्तरीय बैठक में बताया गया कि अभी तक देश में एमपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है. वर्तमान आकलन के अनुसार, निरंतर संचरण के साथ बड़े प्रकोप का जोखिम कम है.

मंकीपॉक्स से 500 से ज्यादा लोगों की हो चुकी है मौत

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 14 अगस्त को एमपॉक्स महामारी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति घोषित किया था. दुनिया भर में इस साल एमपॉक्स के 15 हजार से ज्यादा मामले आ चुके हैं और 500 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि एमपॉक्स को ठीक होने में दो से चार सप्ताह का समय लग सकता है. जब तक फफोले पूरी तरह ठीक नहीं हो जाते और फफोलों वाली त्वचा की जगह नई त्वचा नहीं आ जाती तब तक व्यक्ति को संक्रमण मुक्त नहीं माना जा सकता. ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आने से बचना चाहिए.

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