अभिनव न्यूज, बीकानेर। बेसिक पी.जी. महाविद्यालय में रसायनविज्ञान विभाग द्वारा रसायन विज्ञान से संबंधित रोचक जानकारियां देने के लिए ‘‘मृदा जल धारण क्षमता एवं पीएच’’ विषय पर आधारित एकदिवसीय सेमिनार का आयोजन रखा गया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में राजकीय डूँगर महाविद्यालय के रसायनविज्ञान विभाग के सहायक आचार्य डॉ. सुशील कुमार यादव, महाविद्यालय प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष रामजी व्यास और महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ ज्ञान की देवी मां सरस्वती के पूजन व दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित ने स्वागत उद्बोधन के साथ सेमिनार के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह सेमिनार मुख्य रूप से विद्यार्थियों के बीच रसायन विज्ञान से संबंधित क्षेत्रों में विचारों, अनुभव और विशेषज्ञता को साझा करने के लिए रखा गया।
इसका उद्देश्य छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं को मृदा विज्ञान में नवीनतम तकनीकों और रुझानों से परिचित कराना था, साथ ही क्षेत्रीय कृषि एवं पर्यावरणीय चुनौतियों पर चर्चा करना था। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. सुशील कुमार यादव ने छात्रों को संबोधित करते हुए मृदा की जल धारण क्षमता और पीएच को फसलों की उत्पादकता एवं पर्यावरण संतुलन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि स्वस्थ मृदा न केवल फसल उत्पादन को बढ़ाती है, बल्कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को भी कम करती है। डॉ. यादव ने मृदा की जल धारण क्षमता और पीएच के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह न केवल फसल उत्पादन को प्रभावित करता है, बल्कि जल प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सेमिनार के दौरान, छात्रों को मृदा के नमूनों का विश्लेषण करने और उनके जल धारण क्षमता एवं पीएच स्तर की जांच करने का व्यावहारिक अनुभव भी दिया गया। इसके अलावा, छात्रों ने मृदा संरक्षण और जल प्रबंधन के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों के बारे में भी जानकारी प्राप्त की। महाविद्यालय के छात्रों ने अपने स्थानीय क्षेत्र की मृदा पर किए गए परीक्षणों के परिणाम प्रस्तुत किए, जिसमें जल धारण क्षमता और पीएच स्तर पर विशेष ध्यान दिया गया। कार्यक्रम के अन्त में महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष रामजी व्यास ने इस सेमिनार के सफलता हेतु रसायनविज्ञान विभाग के व्याख्याताओं एवं विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए संबोधित किया और संबोधित करते हुए इस प्रकार के शैक्षणिक और व्यावहारिक कार्यक्रमों को छात्रों के लिए अत्यंत लाभकारी बताया। उन्होंने कहा कि मृदा विज्ञान के क्षेत्र में शोध और नवाचारों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है, ताकि कृषि और पर्यावरणीय समस्याओं का समाधान ढूंढा जा सके। कार्यक्रम के अन्त में महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष रामजी व्यास एवं महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित द्वारा अतिथि को साफा एवं प्रतीक चिह्न भेंट कर आभार प्रकट किया गया। सेमिनार का आयोजन पूरी तरह से सफल रहा और भविष्य में इस प्रकार के और भी कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई गई है। कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय स्टाफ सदस्य डॉ. मुकेश ओझा, डॉ. रमेश पुरोहित, डॉ. रोशनी शर्मा, वासुदेव पंवार, श्रीमती माधुरी पुरोहित, श्रीमती प्रभा बिस्सा, डॉ. नमामीशंकर आचार्य, श्रीमती संध्या बिस्सा, श्री हितेश पुरोहित, सुश्री समीक्षा हर्ष, श्रीमती शालिनी आचार्य, श्री पंकज पाण्डे, सीताराम प्रजापत, सुश्री खुशबू शर्मा, श्रीमती प्रेमलता व्यास, श्रीमती सीमा शर्मा, श्रीमती कृष्णा व्यास, श्रीमती प्रीति पुरोहित, श्रीमती सोमू भाटी, मनमथ केवलिया, श्रीमती महिमा किराडू, सुश्री जाह्नवी पारीक, शिवशंकर उपाध्याय आदि का उल्लेखनीय योगदान रहा।