अभिनव टाइम्स बीकानेर। जयपुर नगर निगम ग्रेटर में आज हुई लाइट समिति की बैठक में चाइनीज लाइटों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। यह पहली बार है जब दीपावली पर चाइनीज लाइटों के उपयोग न
करने का निर्णय किया है। बकायदा इसका प्रस्ताव समिति ने पास किया है, ताकि आने वाले समय में दीपावली पर होने वाली रोशनी में इनका उपयोग नहीं किया जा सके। इसके अलावा बैठक में शहर की लाइटें जो खराब पड़ी है उन्हें ठीक नहीं करने वाली फर्मों के खिलाफ कार्यवाही करने पर भी चर्चा हुई।
ग्रेटर नगर निगम में लाइट समिति की चेयरमैन सुखप्रीत बंसल की अध्यक्षता में आज हुई इस बैठक में दीपावली पर जयपुर शहर के बाजारों में होने वाली सजावट में चाइनीज लाइटों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया। बंसल ने बताया कि हमने निर्णय किया है कि इस बार जो बाजारों में रोशनी
(सजावट) की जाएगी वो एक थीम बेस करवाई जाए। जैसे आजादी का 75वां अमृत महोत्सव मन रहा है तो उसी थीम पर सभी बाजार सजाए जाए या जयपुर शहर की पहचान गुलाबी नगरी से है तो पूरे शहर को गुलाबी लाइट से जगमग किया जाए। उन्होंने बताया कि इस रोशनी में इस बार चाइनीज लाइटों का उपयोग न हो इसको लेकर प्रस्ताव पास किया गया है और इस मामले में व्यापारियों से भी चर्चा करेंगे।
ऑन रिकॉर्ड 3800 जबकि हकीकत में 10 हजार से ज्यादा लाइटें खराब
बैठक में शहर में खराब रोड लाइटों का मुद्दा भी उठा। चैयरमेन सुखप्रीत बंसल ने बताया कि नगर निगम में रोड लाइटों का मेंटेनेंस करने वाली कंपनियां ग्राउण्ड पर काम नहीं कर रही। इस कारण आज ऑन रिकॉर्ड 3800 लाइटें शहर में खराब पड़ी है, जिनकी शिकायतें भी हो चुकी है, लेकिन अब तक ठीक नहीं हुई। हालांकि ग्राउण्ड पर सच्चाई देखे तो 10 हजार से ज्यादा रोड लाइटें बाजार में खराब पड़ी है। उन्होंने कहा कि शहर में जो एलईडी लाइटें लगी है उनके रखरखाव का भुगतान जनता से वसूल किए जा रहे सेस से हो रहा है।
जितनी लाइटें ठीक हो उतना करें भुगतान
बैठक में सभी समिति सदस्यों ने निर्णय किया कि लाइट ठीक करने वाली कंपनियों को लाइट ठीक करने के अनुरूप ही भुगतान किया जाए। अभी हर लाइट का एक निश्चित पैसा रखरखाव के पेटे दिया जा रहा है। फिर चाहे वह पूरे साल में खराब हो या नहीं? इस कारण से कंपनियों खराब रोड लाइट को ठीक नहीं करती।