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Sunday, November 24

CICA शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान ने अलापा कश्मीर राग, भारत ने दिया करार जवाब

अभिनव न्यूज।
कजाकिस्तान (Kazakhstan) के अस्ताना (Astana) में आयोजित किए गए ‘एशिया में बातचीत और विश्वास बहाली के उपायों (CICA) पर छठे शिखर सम्मेलन’ में विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी (Meenakshi Lekhi) ने पाकिस्तान (Pakistan) के कश्मीर (Kashmir) राग पर करारा जवाब दिया. गुरुवार (13 अक्टूबर) को आयोजित किए गए शिखर सम्मेलन में कई वैश्विक नेताओं ने भाग लिया. 

सीआईसीए सम्मेलन को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) ने भारत सरकार (GOI) पर कश्मीर में लोगों पर अत्याचार करने का आरोप लगाया. शरीफ ने अपने संबोधन में कहा कि वह भारत के साथ बातचीत के लिए इच्छुक थे, लेकिन जोर देकर कहा कि सार्थक और परिणाम-उन्मुख संपर्क के लिए आवश्यक कदम उठाने का दारोमदार नई दिल्ली पर बना हुआ है. 

भारत ने पाकिस्तान को दिया करारा जवाब

पाक पीएम शहबाज शरीफ के आरोपों पर पलटवार करते हुए विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी कहा कि पाकिस्तान को भारत के अंदरूनी मामलों पर टिप्पणी करने कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा, “पाकिस्तान की आज की टिप्पणी भारत के आंतरिक मामलों, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता में घोर हस्तक्षेप है.” 

पाकिस्तान को आतंकवाद का वैश्विक केंद्र करार देते हुए लेखी ने कहा कि पड़ोसी देश भारत में आतंकवादी गतिविधियों का स्रोत बना हुआ है. मीनाक्षी लेखी ने कहा, “पाकिस्तान मानव विकास में कोई निवेश नहीं कर रहा है, लेकिन आतंकवाद के बुनियादी ढांचे को बनाने और बनाए रखने के लिए अपने संसाधन उपलब्ध कराता है.” 

पाकिस्तान ने किया सीआईसीए मंच का दुरुपयोग

लेखी ने कहा, ”यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान ने मेरे देश के खिलाफ झूठे और दुर्भावनापूर्ण प्रचार के लिए एक बार फिर सीआईसीए मंच का दुरुपयोग करने और सदस्य देशों के बीच आज की चर्चा और सहयोग के विषय और मुद्दे से ध्यान भटकाने का विकल्प चुना है.” उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग हैं और रहेंगे.

उन्होंने कहा, “यह पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू, कश्मीर और लद्दाख (पीओजेकेएल) में गंभीर और लगातार मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकने के लिए अच्छा होगा. वह पीओजेकेएल की स्थिति में कोई और महत्वपूर्ण परिवर्तन करने से बचे और उन भारतीय क्षेत्रों को खाली करे जो उसके अवैध और जबरन कब्जे में हैं.”

मीनाक्षी लेखी ने कहा, “जलवायु परिवर्तन और महामारी की तरह आतंकवाद हम सभी को प्रभावित करता है. भारत आतंक के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने के दृष्टिकोण का पालन करता है और सीमा पार आतंकवाद सहित सभी स्वरूपों में आतंकवाद की स्पष्ट रूप से निंदा करता है.” उन्होंने पाकिस्तान से भारत विरोधी सीमा पार आतंकवाद को तुरंत बंद करने और आतंक के उसके बुनियादी ढांचे को ध्वस्त करने के लिए भी कहा.

पड़ोसियों के साथ भारत से संबंध पर यह बोलीं लेखी

मीनाक्षी लेखी ने कहा कि भारत, पाकिस्तान सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ सामान्य संबंध चाहता है. उन्होंने इस्लामाबाद को एक अनुकूल माहौल बनाने की सलाह दी, जिसमें विश्वसनीय, सत्यापन योग्य और अपरिवर्तनीय कार्रवाई करना शामिल है ताकि उसके नियंत्रण में किसी भी क्षेत्र को (भारत के खिलाफ) सीमापार आतंकवाद के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सके.

लेखी ने कहा कि इससे दोनों देश इस महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मंच को सहयोग के उसके एजेंडे से विचलित करने के बजाय द्विपक्षीय रूप से मुद्दों को सुलझाने में सक्षम होंगे. लेखी ने कहा कि कई दशकों से भारत विशेष रूप से कुछ देशों के वित्तीय, राजनीतिक और नैतिक समर्थन के माध्यम से जारी सीमा पार आतंकवाद के खतरे से प्रभावित रहा है.

पाक में अल्पसंख्यक समुदायों के साथ बर्ताव पर लेखी ने यह कहा

अल्पसंख्यक समुदायों के साथ व्यवहार के पाकिस्तान के रिकॉर्ड पर उन्होंने कहा कि वह एक ऐसा देश है, जहां धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों को व्यवस्थित रूप से सताया जाता है. उन्होंने कहा, “पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों के पूजा स्थलों पर हमले और तोड़फोड़ की लगातार घटनाएं और पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों की नाबालिग लड़कियों के अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन और शादी के अनगिनत मामले इस देश में माइनॉरिटी की कमजोर स्थिति के प्रमाण हैं.”

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