अभिनव न्यूज।
जयपुर: राजस्थान में पड़ोसी राज्यों से हथियार तस्करी का खेल खेला जा रहा है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा से अवैध हथियार खरीदकर प्रदेश में लाए जा रहे है। जयपुर कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच और DST हथियार तस्करों को काबू पाने का प्रयास कर रही है। हथियार तस्करी रोकने की कोशिश के चलते इस साल 370 प्रकरण दर्ज किया। जिनके तहत अवैध हथियार तस्करी में 590 बदमाशों को गिरफ्तार किया गया। जिनके कब्जे से 430 अवैध हथियार बरामद किए गए है।
एडि. डीसीपी (क्राइम) सुलेश चौधरी ने बताया कि राज्य के सीमावर्ती इलाकों से उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा से अवैध हथियारों की तस्करी कर राजस्थान में लाया जा रहा है। हथियार तस्करों के खिलाफ विशेष अभियान चलाकर भी कार्रवाई की जा रही है। जयपुर कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच और DST ने पिछले दो सालों में 590 हथियार तस्करों को गिरफ्तार किया है। जिससे कई वारदातों को समय रहते टाला जा सकता है। जिसके चलते 370 प्रकरण दर्ज कर 430 अवैध हथियार बरामद किए गए। सीमावर्ती इलाकों में अवैध पिस्तौल 5 हजार रुपए में बेची जा रही थे। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा से अवैध हथियारों की तस्करी कर राजस्थान में तस्कर इन्हें 25 हजार रुपए तक में बेचते है। दो हजार रुपए में खरीदे देसी कट्टा को तस्करी कर 10 हजार रुपए तक मार्केट में बेचा जा रहा है।
युवाओं में हथियार का इंटरेस्ट
तस्करी कर राजस्थान में आने वाले हथियारों का सबसे बड़ा खरीददार युवा वर्ग है। हथियारों के क्रेज के चलते युवा उन्हें अपने पास रखना पसंद कर रहा है। राज्य में ज्यादातर हथियार मध्य प्रदेश से तस्करी कर लाए जाते है। उत्तर प्रदेश और हरियाणा के सीमावर्ती इलाकों से भी हथियारों की तस्करी कर लाया जाता है। राजस्थान के मेवात में भी अवैध हथियार बनाए जाते है। इन हथियारों की खपत ज्यादातर सवाई माधोपुर, करौली, टोंक, जयपुर, अजमेर आदि शहरों में की जाती है।