अभिनव टाइम्स | प्रदेश के सरकारी स्कूल्स में एग्रीकल्चर टीचर बनने के लिए अब तीन विषयों में पीजी की अनिवार्यता लागू करने से सैकड़ों की संख्या में एग्रीकल्चर ग्रेजुएट नियुक्ति की दौड़ से बाहर हो रहे हैं। इन युवाओं ने वर्ष 2018 की तरह किसी भी विषय में पीजी को नियुक्ति में छूट की मांग को लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशक से मुलाकात की है।
एग्रीकल्चर ग्रेजुएट्स के साथ ही विभिन्न युनिवर्सिटी में लेक्चरर्स ने भी निदेशक से मिलकर नियमों में संशोधन की मांग की है। डॉ. दिनेश गोदारा ने बताया कि स्कूल व्याख्याता भर्ती 2022 में कृषि विज्ञान के 280 पदों के लिए अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता में केवल तीन विषय एग्रोनॉमी, उद्यान एवं पशुपालन में पीजी को ही पात्र माना गया है। इन तीन विषयों के अलावा कृषि विषयों में पीजी कर चुके केंडिडेट्स को नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर किया जा रहा है। जिससे बड़ी संख्या बेरोजगार बाहर हो जाएंगे।
स्कूल व्याख्याता भर्ती 2018 में कृषि विज्ञान के 370 पदों हेतु अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता में तीनों विषयों की अनिवार्यता नहीं थी तथा कृषि विज्ञान के किसी भी विषय में पीजी को पात्र माना गया था। पिछली भर्ती 2018 में कृषि विज्ञान के विषयों के लिए राज्य सरकार की ओर से गठित कमेटी की 6 अप्रैल 21 को हुई बैठक में राजस्थान के पांचों कृषि विश्वविद्यालय से एक-एक कृषि विशेषज्ञ शामिल हुए थे। विषय समकक्षता निर्धारण समिति ने कृषि विज्ञान के सभी विषयों को समकक्ष माना तथा उसी आधार पर सभी विषयों में स्नातकोत्तर अभ्यर्थियों को पात्र मानकर नियुक्ति देने की सलाह दी गई थी। शुक्रवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में विषय समकक्षता निर्धारण समिति की बैठक हुई है, जिसमें केंडिडेट्स के भविष्य का निर्णय होना है। इस संदर्भ में डॉ. दिनेश गोदारा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल निदेशक से मिला। इस प्रतिनिधि मंडल में पवन कुमार , योगेश , बाबूलाल तथा अन्य संबंधित अभ्यर्थी मौजूद थे।