अभिनव न्यूज, बीकानेर। राज्य में अपनी सुविधा के साथ राजनीतिक प्रभाव के चलते लंबे समय से स्कूल की बजाय प्रतिनियुक्ति का लाभ लेने वाले तृतीय श्रेणी के अध्यापकों पर गाज गिरेगी। प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने शिक्षा मंत्री के निर्देश के बाद इसको लेकर कवायद शुरू कर दी है। राज्य सरकार के इस कदम से अभिभावकों में ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक शिक्षा से जुड़े स्कूलों में अध्यापन व्यवस्था में सुधार की उम्मीद जगी है।
निदेशक के आदेश में एकल शिक्षण व्यवस्था में लगाए गए अध्यापकों और असाध्य रोग से ग्रसित शिक्षकों को इससे छूट दी गई थी और दोनों ही मामलों की सूचना शिक्षा निदेशालय भिजवाने के आदेश दिए गए थे, लेकिन अभी तक कोई भी सूचना निदेशालय में नहीं पहुंची है। इसलिए निदेशालय को ये पता भी नहीं है कि प्रदेश के कितने स्कूलों में थर्ड ग्रेड टीचर्स प्रतिनियुक्ति पर चल रहे हैं। इसकी जानकारी के लिए अधीनस्थ अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की गई है।
सुविधा की प्रतिनियुक्ति
गत कांग्रेस की सरकार और अभी की भाजपा सरकार में अब तक हुई थर्ड ग्रेड टीचर्स के समस्त डेप्यूटेशन को समाप्त कर दिया है। गौरतलब है कि शिक्षा विभाग प्रति-नियुक्ति या कार्य व्यवस्था के लिए थर्ड ग्रेड टीचर्स को दूसरे विभागों में लगाया जाता रहा है। इन शिक्षकों के डेप्यूटेशन उनके निवास के शहर या शहर के पास किसी स्कूल, चुनाव शाखा, ब्लॉक ऑफिस, डीईओ, एसडीएम कार्यालय या कलक्ट्रेट में होती है। कुछ टीचर्स दूसरे विभागों में भी लगे हैं।
शिक्षण व्यवस्था सुधारने की कवायद
स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था सुधारने की कवायद के तहत थर्ड ग्रेड अध्यापकों की प्रति-नियुक्तियों को निरस्त कर दिया गया है। कहां-कितने टीचर्स डेप्यूटेशन पर चल रहे हैं इसका पता लगाया जा रहा है। अगर कहीं भी कोई अध्यापक प्रति-नियुक्ति पर पाया गया तो कार्रवाई की जाएगी।
सीताराम जाट, निदेशक,प्राथमिक शिक्षा, बीकानेर