अभिनव टाइम्स । इंडियन आर्मी की सेंसिटिव इन्फॉर्मेशन किसी भी कीमत पर हासिल करने के लिए पाकिस्तान ने एक फौज खड़ी कर दी है। हनीट्रैप करने वाली इस सेना का सबसे बड़ा हिस्सा लड़कियां हैं। इनके टारगेट पर अब तक आर्मी से जुड़े लोग ही रहे हैं, लेकिन अब विषकन्याओं की इस फौज के पैटर्न में बदलाव देखने को मिल रहा है।
इनके निशाने पर अब सिविलयन या आम नागरिक हैं। इसका खुलासा हाल ही में तब हुआ, जब राजस्थान स्टेट इंटेलिजेंस की टीम ने तीन जिलों में आईएसआई की जासूसी के आरोप में चार लोगों को हिरासत में लिया।
बताया जा रहा है रविवार देर रात टीम ने पाली, जैसलमेर, जोधपुर में एक साथ दबिश दी। इनमें जयपुर के जयसिंहपुरा इलाके के कुलदीप सिंह शेखावत काे जैतारण(पाली) के शराब ठेके से पकड़ा। कुलदीप वहां सेल्समैन था। उसने खुद को फौजी बताते हुए सोशल मीडिया पर आईडी बना रखी थी।
वहीं, जैसलमेर से पकड़ा गया संदिग्ध रतनसिंह राजपूत पोहड़ा गांव में सोलर कंपनी में ड्राइवर है। तीसरा संदिग्ध जोधपुर के शेरगढ़ निवासी महेंद्रसिंह राजपूत काे भी हिरासत में लिया है। एसआई टीम ने जैसलमेर के पोकरण में भाणियाना गांव निवासी मजीद खान काे भी डिटेन किया है, जाे दूध बेचता है।
पाक महिला एजेंट कर रही थी सिम का यूज
मिलिट्री इंटेलिजेंस से इनपुट मिला था कि इन चारों को आईएसआई की महिला एजेंट ने हनीट्रैप में फंसा रखा है। इनके नाम से जारी मोबाइल सिम का इस्तेमाल पीआईओ यानी पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव के मॉड्यूल में जासूसी करने वाली महिला एजेंट कर रही हैं।
एजेंसियों के सामने ये सवाल
मैसेज की आड़ में कुछ लोगों को हनीट्रैप में फंसाया जाता है। खुफिया एजेंसियां संदिग्ध जासूसों से पूछताछ कर रही है कि सेना की गोपनीय जानकारी मांगने वाली सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आईडी वे खुद चला रहे थे या आईडी पाकिस्तान से चल रही थी?
यदि आईडी संदिग्ध खुद चला रहा था तो उसने सेना से जुड़ी गुप्त सूचनाएं क्यों जुटानी चाही? क्या ऐसा करने के लिए किसी ने दबाव बनाया? इनका पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के एजेंट से कैसे और कब संपर्क हुआ? इन लोगों ने अब तक क्या-क्या जानकारी पाकिस्तानी एजेंट काे भेजी।
बंगाल में पकड़ा तो पाली के युवक का नंबर निकला
सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना की पूर्वी कमांड स्थित एमआई यानी मिलिट्री इंटेलिजेंस की यूनिट को कुछ माह पहले वेस्ट बंगाल में एक फ्रंटियर में एक फौजी की जांच के दौरान फेसबुक पर एक युवती के नाम से संदिग्ध आईडी मिली। युवती सोशल मीडिया पर चैटिंग में सेना से जुड़ी गोपनीय जानकारी मांग रही थी।
वह पाकिस्तान में आईएसआई की एजेंट थी, जिसने वेस्ट बंगाल के फौजी काे हनीट्रैप में फांसने की कोशिश की थी और एक मोबाइल नंबर देते हुए कुछ पैसों की भी डिमांड की। सेना की पूर्वी कमांड ने उस फौजी का काेर्ट मार्शल करते हुए जांच एमआई काे साैंपी।
जांच में वह मोबाइल नंबर पाली के जैतारण में शराब की दुकान पर काम करने वाले कुलदीप का निकला। वह जयपुर के जयसिंहपुरा इलाके में सुराज नगर का रहने वाला है।
कुलदीप की तरह जैसलमेर के मजीद खान, रतनसिंह राजपूत तथा जोधपुर के शेरगढ़ निवासी महेंद्रसिंह राजपूत के नाम से जारी मोबाइल नंबर का इस्तेमाल भी पाकिस्तानी महिला एजेंट कर रही हैं। यह चाराें लाेग पाक महिला एजेंट के हनीट्रैप में फंसे हुए हैं।
फेसबुक बना सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म
हनीट्रैप के लिए फेसबुक सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म बनता जा रहा है। इन केसों में भी इस प्लेटफॉर्म के यूज से लोगों को फंसाया गया है। सूत्रों ने बताया कि कुलदीपसिंह शेखावत तीन-चार साल से चांवडिया, कालू व बांजाकुड़ी में ठेके पर सेल्समैन है।
चार माह पहले उसने फेसबुक पर युवती काे फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी, जिसने तुरंत स्वीकार कर ली। युवती ने फेसबुक पर इंडियन आर्मी की ड्रेस में कई सारे फोटो अपलोड किए हुए थे। वह मैसेंजर कॉल करने लगी।
असल में युवती पाक एजेंट थी, जिसे भारत के मोबाइल नंबर की जरूरत थी, जिसका इस्तेमाल वह लाेगाें के साथ सेना के जवानों काे हनीट्रैप में फंसाने के लिए करती। कुलदीप की आईडी से नई सिम मंगाकर ओटीपी हासिल कर उस नंबर से वॉट्सऐप यूज करने लगी। वहीं, जांच में पाकिस्तानी एजेंट की सोशल मीडिया आईडी फेक मिली है।