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Friday, September 20

स्क्रीनिंग के बाद 1 लाख 10 हजार संविदाकर्मी होंगे परमानेंट:पुराना एक्सपीरियंस नहीं गिना जाएगा, 32 हजार तक होगी सैलरी

अभिनव न्यूज।
जयपुर: सरकारी विभागों में काम कर रहे 1 लाख 10 हजार से ज्यादा संविदाकर्मियों को नियमित करने का फैसला किया गया है। सभी संविदाकर्मियों को राजस्थान कॉन्ट्रैक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स, 2022 के दायरे में लिया जाएगा।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को राज्य में राजस्थान कॉन्ट्रैक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स, 2022′ लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। ये नियम राज्य के सभी विभागों में काम कर रहे संविदाकर्मियों पर लागू होंगे।

इस नियम के लागू होने से अब पहले से काम कर रहे संविदाकर्मियों को इंक्रीमेंट देने और उन पदों को स्थायी करने पर उन्हें सरकारी नौकरी में परमानेंट करने का रास्ता साफ हो गया है।

मौजूदा समय में शिक्षा विभाग के शिक्षा कर्मी, पैराटीचर्स, ग्राम पंचायत सहायक, अंग्रेजी माध्यम टीचर सहित कुल 41 हजार 423 संविदाकर्मी नियमित होंगे।

ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग के राजीविका व मनरेगा के कुल 18 हजार 326 संविदाकर्मी, अल्पसंख्यक विभाग के 5 हजार 697 मदरसा पैरा टीचर्स, हेल्थ डिपार्टमेंट के 44 हजार 833 संविदाकर्मियों सहित कुल 1 लाख 10 हजार 279 संविदाकर्मी नियमित होंगे।

कॉन्ट्रैक्चुअल सर्विस रूल्स में आने के समय से होगी अनुभव की गिनती
शिक्षाकर्मी, पैराटीचर्स और ग्राम पंचायत सहायक को कॉन्ट्रैक्चुअल सर्विस रूल्स के दायरे में लेने का 21 अक्टूबर को ही फार्मूला तय किया था। जिन संविदाकर्मियों का पहले का वेतन ज्यादा होगा तो उन्हें मिलने वाले वेतन में दो सालाना इंक्रीमेंट जोड़कर नया वेतन तय किया जाएगा।

संविदा पर शुरुआती वेतन 10 हजार 400 रुपए हर महीने तय होगा। 9 साल सर्विस पूरी करने पर 18 हजार 500 और 18 साल की सर्विस पूरी होने पर 32 हजार 300 रुपए का वेतन मिलेगा।

जिन संविदा कर्मचारियों का पहले से मिलने वाला वेतन संरक्षित किया गया है, उनकी 9 और 18 साल की सर्विस की गिनती इन नियमों के आने की तारीख से होगी। पहले की सर्विस 9 और 18 साल की गिनती में शामिल नहीं होगी।

कैबिनेट सब कमेटी की रिपोर्ट के बाद बनाए थे नियम
कांग्रेस सरकार बनने के बाद ​संविदाकर्मियों को नियमित करने के लिए मंत्री बीडी कल्ला की अध्यक्षता में कैबिनेट सब कमेटी बनाई गई थी। कैबिनेट सब कमेटी की सिफारिश के आधार पर संविदाकर्मियों को नियमित करने के लिए नियम बनाए गए थे।

संविदाकर्मी सरकारी कर्मचारियों की तरह वेतन-पेंशन की मांग कर रहे थे, लेकिन कल्ला कमेटी ने दूसरा फार्मूला निकाला। सरकारी विभागों में काम करने वाले संविदाकर्मियों को नियमित करने के लिए राजस्थान कॉन्ट्रैक्चुअल सर्विस रूल्स 2021 बनाए गए। अब इन नियमों के दायरे में संविदाकर्मियों को लिया जाएगा।

सरकार ने बीच का रास्ता निकाला

संविदाकर्मी परमानेंट सरकारी नौकरी और उसी हिसाब से पद और वेतन की मांग कर रहे थे। संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के मौजूदा फार्मूले में सवंदाकर्मी सरकार के परमानेंट कर्मचारी नहीं माने जाएंगे, उन्हें संविदा कर्मचारी माना जाएगा फर्क इतना सा है कि उन्हें अब इंक्रीमेंट मिलता रहेगा और उनकी जॉब सिक्योरिटी हो जाएगी।

जब सरकार किसी पद को स्थायी करेगी तब 5 साल से संविदापर काम कर रहे कर्मचारियों में से स्क्रीनिंग करके उन्हें ही इस पद पर परमानेंट करने का प्रावधान है।

संविदा कर्मचारी इस फार्मूला के विरोध में

संविदा कर्मचारियों के संगठन चुनाव घोषणा पत्र में किए गए वादे के अनुसार संविदा कर्मचारियों काे परमानेंट करने की मांग कर रहे हैं। संविदा कर्मचारियों के संगठन कॉन्ट्रैक्च्यूअल सर्विस रूल्स के प्रावधानों से नाराज है।

सबसे बड़ी नाराजगी संविदा पर पहले से काम कर रहे कर्मचारियों की सीनियोरिटी की गणना कॉन्ट्रैक्च्युअल सर्विस रूल्स में आने से करने पर है। संविदा कर्मचारी पुराने अनुभव को सर्विस में जोड़ने की मांग कर रहे हैं।

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