अभिनव न्यूज
नागौर। नागौर जिले की खींवसर पंचायत समिति के गांव पंचायत बैरावास में प्रशासन गांवों के संग अभियान के दौरान बवाल मच गया। मामला इतना बढ़ गया कि मौके पर खींवसर पुलिस पहुंचकर सरपंच को गिरफ्तार करना पड़ा।
हालांकि इसके बाद सरपंच को जमानत पर रिहा कर दिया गया। गांव पंचायत बैरावास में आयोजित प्रशासन गांवों के संग शिविर में सरपंच मूलाराम और तहसीलदार अमरदीप सिंह के बीच जमकर तनातनी हो गई।
दोनों के बीच तू-तू-मैं-मैं हो गई। इस दौरान उनके पास बैठे विकास अधिकारी सहित कई ब्लॉक लेवल के अधिकारी मौजूद थे। बाद में एसडीएम और सरपंच के बीच तकरार हुई तो एसडीएम ने तत्काल खींवसर पुलिस बुलवाकर सरपंच को गिरफ्तार करवा दिया।
हालांकि पुलिस ने सरपंच को शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार कर उपखण्ड अधिकारी के समक्ष पेश किया तो उन्होंने जमानत पर रिहा कर दिया। सरपंच की ओर से गांव के काम को लेकर तहसीलदार और एसडीएम को धमकाने के बाद भी प्रशासन ने सरपंच पद की गरिमा का हवाला देते हुए उसे जमानत पर रिहा कर दिया।
यह है पूरा मामला
बैरावास के राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल में प्रशासन गांव के संग शिविर के पहले दिन सरपंच मूलाराम शिविर में पहुंचे। उन्होंने तहसीलदार से पिछली बार आयोजित प्रशासन गांवों के संग में पेश किए गए प्रकरणों की जानकारी और दो महीने पहले अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर सवाल जवाब किए।
तहसीलदार ने सभी मामलों को बैठकर सुलझाने की बात कही। लेकिन इस बीच सरपंच मूलाराम ने कहा कि तहसील जाते हैं तो तहसीलदार मिलते नहीं हैं। पिछले शिविर में दिए गए काम आज तक नहीं हुए हैं। पिछले दिनों ग्रामीणों ने अतिक्रमण हटाने की मांग की थी, लेकिन उस पर भी कोई कार्यवाही नहीं की है।
उसने कहा कि सरकार उन्हें तनख्वाह देती है, लेकिन वो काम तक नहीं करते। इस पर उपखण्ड अधिकारी ने दखल दी तो सरपंच ने उनसे भी कई सवाल जवाब किए। सरपंच ने कहा कि उन्हें जनता ने चुना है और दुबारा उन्हें चुन लेगी।
उन्हें काम को लेकर जनता को जवाब देना है। मामला बढ़ने पर उपखण्ड अधिकारी डॉ. धीरज कुमार सिंह ने पुलिस को बुला लिया। हालांकि सरपंचों ने प्रशासन गांवों के संग शिविरों का बहिष्कार कर रखा है, लेकिन बैरावास सरपंच शिविर में पहुंचे और अधिकारियों से काम की बात को लेकर उलझ गए थे।