अभिनव न्यूज, जयपुर। अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग शुभ्रा सिंह ने कहा है कि सरकार ने जनकल्याण की बेहतरीन योजनाएं संचालित कर रखी है, सभी अधिकारियों एवं कार्मिकों की ड्यूटी बनती है कि वे सरकारी योजनाओं का लाभ प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि बीकानेर संभाग विशेषकर चूरू और हनुमानगढ जिले मातृ मृत्युदर और शिशु मृत्युदर को कम करने के लिए विशेष प्रयास करें।
शुभ्रा सिंह बुधवार को बीकानेर में संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रही थी। उन्होंने निर्देश दिए कि सरकार की बजट घोषणाओं की क्रियान्विति हमारी पहली प्राथमिकता है। बजट घोषणाओं में नव स्वीकृत तथा क्रमोन्नत चिकित्सा संस्थानों के लिए आगामी 7 दिवस में जमीन चिन्हित करके टेंडर जारी करें। उन्होंने कहा कि बजट घोषणा हो गयी, इसका तात्पर्य है कि लोगों को उस घोषणा के अनुरूप सेवाएं मिलना तत्काल शुरू हो जाए।
इस दौरान उन्होंने शुद्ध के लिए युद्ध, निःशुल्क दवा एवं जांच, मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना सहित महत्वपूर्ण योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की एवं आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
इस दौरान निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर, संयुक्त निदेशक डॉ. देवेन्द्र चौधरी, बीकानेर, हनुमानगढ, गंगानगर एवं चुरू जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, अतिरिक्त सीएमएचओ, आरसीएचओ तथा पीएमओ सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
अनिमिया मुक्ति के लिए किए गये बीकानेर के प्रयासों को सराहा-
अनिमिया मुक्त राजस्थान अभियान के तहत बीकानेर जिले द्वारा नवाचार के तहत अनिमिया मुक्ति के लिए किये गये विशेष प्रयासों की अतिरिक्त मुख्य सचिव ने सराहना की। गौरतलब है कि बीकानेर जिले द्वारा एक विशेष अभियान चलाकर कम हिमोग्लोबिन लेवल वाली महिलाओं को चिन्हित किया गया। इसके बाद जिन महिलाओं का हिमोग्लोबिन लेवल बहुत कम पाया गया,
उनके लिए उचित चिकित्सकीय प्रबंधन किये गये। जिससे यह देखा गया कि एक ही बार में महिलाओं को हिमोग्लोबिन लेवल 3 से 4 ग्राम बढ गया। इसके माध्यम से बहुत सी महिलाओं को हाई रिस्क प्रगेंसी से सुरक्षित किया गया। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि इस तरह के प्रयासों को बेस्ट केस स्टडीज में लाकर आवश्यकतानुसार पूरे प्रदेश में अपनाया जाए।
चिकित्सा संस्थानों का किया निरीक्षण
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने इससे पूर्व बीकानेर के रानीबाजार स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नम्बर 7 का निरीक्षण किया। उन्होंने वहां कार्यरत कार्मिकों से पूछा कि कितने बजे तक जांच के सेम्पल लिये जाते हैं। इस पर कार्मिकों ने बताया कि प्रातः 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक सेम्पल लिए जाते हैं और यदि कोई ज्यादा इमरजेंसी होती है,
खासकर प्रेगनेंसी के मामले में तो 2 बजे बाद भी सेम्पल लेकर लोंगों को जांच रिपोर्ट दी जाती है। इस पर एसीएस ने कहा कि सभी चिकित्सा कार्मिकों में इस प्रकार की मानवीय संवेदना होनी चाहिए। यूपीएचसी नम्बर 7 द्वारा किये जा रहे बेहतरीन चिकित्सकीय अपशिष्ट प्रबंधन की सराहना करते हुए एसीएस ने इसे बेस्ट केस स्टडी के तौर पर चिन्हित कर प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए।
इस दौरान संयुक्त निदेशक अस्पताल प्रशासन डॉ. राजेश शर्मा, बीकानेर जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वाथ्य अधिकारी डॉ. एम अबरार, एसपीएम डॉ. लोकेश चतुर्वेदी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।