अभिनव टाइम्स बीकानेर। प्रदेश की सरकार 15 अगस्त 1947 से लेकर 31 दिसम्बर 1971 तक की अवधि में शहीद होने वाले सशस्त्र बल कार्मिक (मृत) के आश्रितों को नौकरी देने जा रही है। इसको लेकर राज्य सरकार के कार्मिक (क-गुप-2) विभाग ने 09 सितम्बर को एक अधिसूचना जारी की है। जारी अधिसूचना के मुताबिक संविधान के अनुच्छेद 309 के परन्तुक द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए राजस्थान के राज्यपाल ने मृत रक्षा कार्मिक (युद्ध हताहत) के आश्रितों को नियुक्ति विनिमियत करने के लिए जो नियम बनाए है। उन नियम के तहत नियम का नाम राजस्थान मृत शस्त्र बल कार्मिक (शहीद) के आश्रितों की नियुक्ति नियम 2022 रखा है। बता दें कि यहां सशस्त्र बल कार्मिक से अभिप्राय संघ की सेना, वायु सेना तथा नौ सेना से है।
– मृत सशस्त्र बल कार्मिक (शहीद) राजस्थान का मूल निवासी होना चाहिए।
-राजस्थान की विभिन्न सेवाओं में के या इसके पश्चात् बनाए गए नियमों के व्यक्तियों की भर्ती को विनिमियत करने वाले किंही सेवा नियमों को अंतविष्ट किसी बात के होते हुए भी, 15 अगस्त 1947 से लेकर 31 दिसम्बर 1971 तक की अवधि में किसी मृत सशस्त्र बल कार्मिक (युद्ध हताहत), जो राज्य का मूलनिवासी था, का आश्रित विभिन्न सेवा नियमों विर्निदिष्ट पदों पर नियुक्ति के लिए पात्र होगा और ये किसी विशिष्ट पद पर कोई अधिकार प्रदत्त नहीं करेंगे।
– आश्रित से अभिप्रेत
पति/पत्नी , पुत्र, दत्तक पुत्र, पुत्री, दत्तक पुत्री, पौत्र, दत्तक पौत्र, पौत्री, दत्तक पौत्री, पुत्री का पुत्र, दत्तक पुत्री का पुत्र, पुत्री की पुत्री, दत्तक पुत्री की पुत्री, अविवाहित मृत सशस्त्र कार्मिक के मामले में भाई या बहन, भाई का पुत्र या पुत्री, बहन का पुत्र या पुत्री से है।