अभिनव टाइम्स बीकानेर। राजस्थान में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक 50 हजार 366 पशुओं की लंपी बीमारी के संक्रमण से मौत हो चुकी है। जबकि 11 लाख 34 हजार 709 अब तक इससे इंफेक्टेड हुए हैं। जबकि बीजेपी पार्टी के आंकड़ा बताता है कि सिर्फ बीकानेर जिले में ही 90 हजार गायों की मौत हो चुकी है। सरकारी आंकड़ों को झूठा बताते हुए बीजेपी की स्टूडेंट्स विंग ABVP ने जयपुर में गौपालन विभाग के मंत्री प्रमोद जैन भाया के निवास के बाहर गाय ले जाकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान ‘राजस्थान सरकार और प्रमोद जैन भाया मुर्दाबाद’, ‘गौमाता की रक्षा करो’, ‘लंपी को महामारी घोषित करो’ जैसे नारे लगाए गए।
लंपी को महामारी घोषित करे गहलोत सरकार
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मंत्री होशियार मीणा ने कहा- यह बहुत ही निन्दनीय है, प्रदेश में आज हर गली-मोहल्ले में गायें लंपी महामारी के कारण गम्भीर हालत में पड़ी हुई है। राजस्थान सरकार के मंत्री प्रमोद जैन भाया के निवास पर प्रदर्शन कर गहलोत सरकार से आग्रह किया है कि लंपी को महामारी घोषित करें। पर्याप्त मात्रा में टीके और दवाईयां उपलब्ध करवाए जाएं। साथ ही एक टोल फ्री नंबर सरकार हर तहसील में तय करे। जिसके जरिए व्हीकल या पशु एम्बुलेंस के जरिए संक्रमित गायों को पशु अस्पताल तक पहुंचाकर इलाज करवाया जाए। पिछले एक महीने से ज्यादा महामारी जैसे हालात हैं। किसानों के आय के प्रमुख सोर्स गाय पर सरकार ध्यान दे। इसमें कांग्रेस-बीजेपी या राजनीति नहीं होनी चाहिए। गाय हमारी माता है, सबसे पहले हमारे लिए गाय है। हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
प्रदर्शन में एबीवीपी के राजस्थान विश्वविद्यालय महासचिव अरविंद झगड़ा, प्रांत मंत्री स्वराज अमन, इकाई अध्यक्ष भरत भूषण यादव, इकाई सचिव महेंद्र चौधरी, विभाग संयोजक राजेंद्र प्रजापत समेत कार्यकर्ता मौजूद रहे।
बीकानेर में 90 हजार गायों की मौतें,CM को भारत जोड़ो अभियान की चिन्ता
बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने कहा- लंपी वायरस राजस्थान में कहर ढहा रहा है। राजस्थान के CM राजनीतिक बयानबाजी और भारत जोड़ो अभियान की चिन्ता कर रहे हैं। गौमाता एक के बाद एक दम तोड़ती नजर आ रही है। बीजेपी कार्यकर्ताओं ने बीकानेर जिले के आंकड़े अपने मंडल और बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से मंगवाने शुरू किए हैं। बीकानेर जिले में गायों की मौत का आंकड़ा 90 हजार को क्रॉस कर रहा है। अगर सरकार को बीजेपी के आंकड़ों पर विश्वास नहीं है, तो अपने अधिकारियों से आंकड़े मंगवा ले। संक्रमण और गायों की मौत की तस्वीर साफ हो जाएगी।
रामलाल ने कहा-किसानों की आजीविका का आधार खत्म हो गया है। सरकार उसकी व्यवस्था करे। जिन किसानों ने गायों का बीमा करवा रखा था। बीमा कम्पनियों ने उनकी गायों की मौत के बाद भी क्लेम देने से इनकार कर दिया। प्रदेश सरकार ऐसी कम्पनियों को क्लेम जारी करने का निर्देश दें। आज भी हजारों गायें सड़कों और जंगलों में पड़ी हैं, उनका आंकड़ा तो शामिल ही नहीं किया गया है। सरकार अपनी सियासत को छोड़कर गौमाता को बचाने का काम करे और सरकारी नुमाइंदे गायों की सेवा का काम करें। केवल राजनीति ही कांग्रेस का आधार बने यह उचित नहीं है।