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Sunday, November 24

सत्ता में आने के बाद कांग्रेस करेगी बैन : चिंतन शिविर में उठा ईवीएम का मुद्दा !

File photo of Congress interim president Sonia Gandhi.

उदयपुर। कांग्रेस ने पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए राजस्थान के उदयपुर में तीन दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन किया। चिंतन शिविर के अंतिम दिन ईवीएम के इस्तेमाल पर भी चर्चा हुई। इस दौरान ईवीएम को लेकर कांग्रेस की नाराजगी देखने को मिली। ऐसे में कांग्रेस सत्ता में आने के बाद ईवीएम के इस्तेमाल पर रोक लगा सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस ने फैसला किया है कि सत्ता में आने के बाद ईवीएम पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।एक अन्य रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस ने ईवीएम मुद्दे पर कहा है कि चिंतन शिविर पार्टी और उसके भविष्य के एजेंडे की आंतरिक चर्चा के लिए है।  ऐसे में सर्वदलीय बैठक में इस मुद्दे को उठाया जाएगा और वहां फैसला लिया जाएगा।कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि उनकी पार्टी को अगले लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में ईवीएम को बैलेट पेपर से बदलने का वादा करना चाहिए और इस मुद्दे को जनता के बीच भी ले जाना चाहिए। हालांकि उन्होंने साफ कर दिया कि यह उनकी निजी राय है, लेकिन कई नेता इससे

सहमत भी हैं।

कांग्रेस नेता ने  चव्हाण ने कहा कि चिंतन शिविर का जिक्र करते हुए कहा कि ईवीएम को लेकर काफी चर्चा हुई है।  ईवीएम जमकर धांधली  हो रही है। मेरी निजी राय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अनुरोध करने पर इसे नहीं हटाएंगे। हमें उन्हें हराना है। हमें अपने चुनावी घोषणा पत्र में लिखना होगा कि अगर हम सत्ता में आए तो हम ईवीएम को हटाकर बैलेट पेपर की तरफ जाएंगे।

कांग्रेस निकालेगी भारत जोड़ी यात्रा

चिंतन शिविर में कांग्रेस ने तय किया है कि 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती के मौके पर पार्टी कन्याकुमारी से कश्मीर तक ‘भारत जोड़ी यात्रा’ शुरू करेगी. इस यात्रा में सभी युवा और सभी नेता शामिल होंगे। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने संबोधन में यह जानकारी दी।
गठबंधन की वकालत
राजनीतिक मामलों की समिति ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने के लिए समान विचारधारा वाले दलों के साथ गठबंधन की वकालत की। हालांकि गठबंधन की राजनीति के मुद्दे पर कई नेताओं की राय अलग नजर आई। पार्टी के कुछ नेताओं को लगता है कि अकेले कांग्रेस को चुनावों में मजबूत प्रदर्शन के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है और यह कांग्रेस को दूरगामी परिणाम देगी।

असंतुष्ट जी-23 को लगा धक्का

 असंतुष्ट जी-23 के नेताओं ने संसदीय बोर्ड को पुनर्जीवित  करने की मांग की थी। जिसे कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्लूसी) ने ठुकरा दिया है और इसके स्थान (संसदीय बोर्ड) पर पार्टी हर राज्य और केंद्र में राजनीतिक मामलों की एक समिति का गठन करेगी।
इसी बीच कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार का बयान सामने आया। जिसमें उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस वापसी करेगी। कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने कहा कि हम सभी को विश्वास है कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस वापसी करेगी। जी 23 जा चुका है, पूरी पार्टी एकजुट है, और हम सब एक हैं।

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