अभिनव टाइम्स । जल्द ही आपको टोल प्लाजा से छुटकारा मिल सकता है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक इंटरव्यू में कहा है कि अब टोल प्लाजा को हटाकर कैमरे लगाने की योजना है, जो नंबर प्लेट रीड करेंगे और सीधे अकाउंट से पैसे कट जाएंगे।’
टोल प्लाजा पर जाम की समस्या को खत्म करने के लिए एक साल पहले ही सरकार फास्टैग लेकर आई थी। अब इससे आगे बढ़ते हुए सरकार की योजना देशभर के सभी टोल प्लाजा को ही हटा देने की है।
1. टोल प्लाजा हटाने की नई योजना क्या है
सरकार की योजना आने वाले दिनों में नेशनल हाईवे और एक्सप्रेस-वे से सभी टोल प्लाजा को हटाने की है। टोल प्लाजा की जगह हाईवे और एक्सप्रेस-वे पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर यानी ANPR कैमरे लगेंगे।
जैसे ही कोई कार हाईवे से गुजरेगी, तो वहां लगे खास कैमरे कार के नंबर प्लेट को रीड कर लेंगे और टोल का चार्ज गाड़ी मालिक के लिंक्ड बैंक अकाउंट से सीधे कट जाएगा।
हालांकि अभी ये कैमरे केवल 2019 के बाद आने वाली गाड़ियों के नंबर प्लेट ही रीड कर सकते हैं।
2. क्या गाड़ियों में नई नंबर प्लेट लगेंगी
हां, इसके लिए गाड़ियों में हाई-सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट यानी HSRP लगेंगी। इस तरह के नंबर प्लेट्स से गाड़ी से जुड़ी सभी जानकारी मिल जाती है। सरकार इन विशेष नंबर प्लेट को लगाने की शुरुआत 2019 में ही कर चुकी है। सरकार ने तब सभी पैसेंजर व्हीकल को कंपनी फिटेड नंबर प्लेट्स लगाने को कहा था।
3. पुरानी नंबर प्लेट वाली गाड़ियों का क्या होगा
सरकार की जल्द ही सभी गाड़ियों से पुराने नंबर प्लेट्स को HSPR यानी नए नंबर प्लेट्स से रिप्लेस करने की योजना है।
4. जो लोग टोल नहीं देंगे, उन्हें कैसे रोकेंगे
ये इस योजना को लागू करने के रास्ते में सबसे बड़ी चुनौती है। दरअसल, भारतीय कानून में टोल टैक्स न देने वाले पर जुर्माना लगाने का कोई प्रोविजन नहीं है। सरकार जल्द ही इससे जुड़ा बिल लाने पर विचार कर रही है।
गडकरी ने हाल ही में इस मुद्दे पर कहा-‘टोल प्लाजा पर पेमेंट नहीं करने वाले गाड़ी मालिक को दंडित करने का कानून में कोई प्रोविजन नहीं है। हमें उसे कानून के दायरे में लाने की जरूरत है।’
3. पुरानी नंबर प्लेट वाली गाड़ियों का क्या होगा
सरकार की जल्द ही सभी गाड़ियों से पुराने नंबर प्लेट्स को HSPR यानी नए नंबर प्लेट्स से रिप्लेस करने की योजना है।
4. जो लोग टोल नहीं देंगे, उन्हें कैसे रोकेंगे
ये इस योजना को लागू करने के रास्ते में सबसे बड़ी चुनौती है। दरअसल, भारतीय कानून में टोल टैक्स न देने वाले पर जुर्माना लगाने का कोई प्रोविजन नहीं है। सरकार जल्द ही इससे जुड़ा बिल लाने पर विचार कर रही है।
गडकरी ने हाल ही में इस मुद्दे पर कहा-‘टोल प्लाजा पर पेमेंट नहीं करने वाले गाड़ी मालिक को दंडित करने का कानून में कोई प्रोविजन नहीं है। हमें उसे कानून के दायरे में लाने की जरूरत है।’
5. टोल प्लाजा हटाने के होंगे क्या फायदे
इसके दो बड़े फायदे होने की उम्मीद है। पहला-आपको कम टोल देना होगा और दूसरा- इससे प्लाजा पर लगने वाले जाम से छुटकारा मिल जाएगा।
इन दोनों फायदों को नितिन गडकरी ने कुछ ऐसे बताया- अभी भले ही दो टोल प्लाजा एक-दूसरे से 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हों, लेकिन आपको पूरा टोल देना होता है। अगर आप हाईवे का इस्तेमाल केवल 30 किलोमीटर के लिए करते हैं, तो नई टेक्नोलॉजी की मदद से आपको केवल आधी कीमत चुकानी होगी।
गडकरी ने कहा- ‘टोल प्लाजा नहीं होने से गाड़ियों को रुकना नहीं पड़ेगा, इससे प्रदूषण कम होगा और साथ ही समय भी बचेगा। नई टेक्नोलॉजी से पैसे सीधे ड्राइवर के बैंक अकाउंट से कट जाएंगे।’
6. टोल प्लाजा हटने से फास्टैग का क्या होगा?
फास्टैग ने देशभर में टोल प्लाजा पर ट्रैफिक की समस्या को कम करने में मदद की है, लेकिन अब भी ट्रैफिक से पूरी तरह निजात नहीं मिली है, क्योंकि फास्टैग से पेमेंट के बावजूद ड्राइवर को टोल गेट को पार करना पड़ता है, जिसमें समय लगता है।
इसी वजह से सरकार फास्टैग की जगह ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर यानी ANPR कैमरे लाने की योजना पर काम कर रही है। ANPR कैमरों के अलावा सरकार टोल कलेक्शन के लिए GPS टेक्नोलॉजी लाने पर भी विचार कर रही है।
गडकरी के लोकसभा में दिए जवाब के मुताबिक, अब देश में कुल टोल कलेक्शन (करीब 40 हजार करोड़ रुपए) का 97% फास्टैग से कलेक्ट हो रहा है। बाकी के 3% लोगों को कैश में पेमेंट करने की वजह से ज्यादा टोल देना पड़ता है।
7. नए प्रोजेक्ट को लागू करने में क्या चुनौतियां हैं
नए प्रोजेक्ट के ANPR कैमरों को नंबर प्लेट पर मौजूद 9 नंबरों को पढ़ने के लिए तैयार किया गया है, लेकिन अगर नंबर प्लेट पर कुछ और लिखा है तो कैमरा उसे नहीं पढ़ पाएगा।
इस प्रोजेक्ट के एक्सप्रेस-वे पर ट्रायल के दौरान कैमरा करीब 10% नंबर प्लेट को रीड नहीं कर पाया, क्योंकि उनमें 9 नंबरों के अलावा भी शब्द या नंबर थे। जिन नंबर प्लेट पर रजिस्ट्रेशन नंबर के अलावा कोई और नंबर या शब्द जैसे-भारत सरकार/दिल्ली सरकार या भगवान या जातियों के नाम लिखे थे, उन्हें कैमरा रीड नहीं कर पाया।
ट्रकों के नंबर प्लेट या तो गंदे रहते हैं या छिपे रहते हैं। इन कैमरों को ऐसे ट्रकों के नंबर प्लेट को पढ़ने में दिक्कत आई।
सरकार ने अभी इस योजना को लागू करने की तारीख को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है। हालांकि इस योजना का ट्रायल शुरू हो चुका है। अगले 6 महीने में इसके लागू होने की उम्मीद है। गडकरी ने कहा है कि इस योजना को लागू करने के लिए सरकार नया बिल भी लाएगी।