नई दिल्ली. जेएनयू छात्रों को फेलोशिप नहीं मिलने पर आज सुबह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की जेएनयू इकाई छात्रों ने फाइनेंस अधिकारी (JNU Finance Officer) रविकेश कुमार का घेराव किया. इस घेराव के चलते छात्रों ने यह भी चेतावनी दी थी कि वह तब तक बाहर नहीं निकलेंगे जब तक इस मामले पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है.
दोपहर बाद अब ऑफिस में जेएनयू के निजी सुरक्षाकर्मियों ने उसको जबरन खुलवाने की कोशिश की. इस दौरान छात्रों और सुरक्षाकर्मियों के बीच धक्कामुक्की, हाथापायी और मारपीट हुई. कई छात्रों को चोट भी लगी है. एक दिव्यांग छात्र के भी चोटिल होने की सूचना है. खबर लिखे जाने तक मामला शांत नहीं हुआ था
बताते चलें कि फाइनेंस अधिकारी के ऑफिस में बड़ी संख्या में छात्र पहुंचे थे और ऑफिस का गेट तब तक नहीं खोलने के लिए कहा जब तक उनकी फेलोशिप रिलीज नहीं कर दी जाती. अधिकारी दरवाजा खोलने की मिन्नत करते और कई बार छात्रों को झिड़काते भी रहे, लेकिन छात्र अपनी मांग पर अडे़ रहे. उन्होंने अधिकारी को यह भी कहा कि उन पर स्टॉफ हंसता है और उनका मजाक उड़ाता है. छात्रों ने कहा कि वह ऑफिस में बैठकर ही अपनी मांग को उठाएंगे.
इस बीच देखा जाए तो जेएनयू प्रशासन के नकारात्मक रवैये के खिलाफ छात्र गत 12 अगस्त से अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन कर रहे हैं. गत 18 अगस्त को भी छात्रों ने रेक्टर एके दुबे (JNU Rector AK Dubey) का घेराव किया था और उनकी गाड़ी के सामने खड़े होकर नारेबाजी की थी.
एबीवीपी जेएनयू इकाई अध्यक्ष रोहित कुमार का आरोप है कि स्कॉलरशिप की लीगल इन्क्वायरी के लिये सुबह 11 बजे स्कॉलरशिप सेक्शन में आए थे. यहां पर सुबह पांच छात्र आए थे, लेकिन स्टॉफ यहां टाइम से आने की बजाय उलटे छात्रों से ही बदतमीजी करता है. पिछले छह माह से स्कॉलरशिप आई हुई लेकिन छात्रों को रिलीज नहीं की जा रही है. उन्होंने कहा कि यहां पर 2019 के स्कॉलरशिप के फार्म उपलब्ध हैं, लेकिन जो छात्र पास आउट हो गए उनको भी यह स्कॉलशिप नहीं दी गई.
पिछले छह माह से स्कॉलरशिप नहीं मिलने की वजह से अब छात्रों की परेशान काफी बढ़ गई हैं. उन्होंने मांग की कि जब तक रजिस्ट्रार यहां नहीं आएंगे तब तक छात्र यहां ऑफिस से नहीं उठेंगे. ठोस आश्वासन मिलने क बाद ही छात्र यहां से उठेंगे. बताते चलें कि फेलोशिप फाइनेंस सेक्शन रजिस्ट्रार के अंतर्गत ही आता है.
एबीवीपी का मानना का है कि हॉस्टल, फेलोशिप और पढ़ाई तीनों ही एक विद्यार्थी के लिए आधारभूत मुद्दा और मांग हैं. वर्तमान समय में जेएनयू प्रशासन (JNU Administration) इन तीनों ही मुद्दों पर फेल साबित हुआ है. विद्यार्थियों को हॉस्टल अलॉट करने की प्रक्रिया से लेकर उनकी प्लेट में ठीक भोजन हो, उसके सिर पर ऐसी छत हो जिसके गिरने का डर विद्यार्थी को हर समय न सता रहा हो, और पीने का साफ पानी तो मौलिक अधिकार है, उसका भी हनन इस विश्वविद्यालय में हो रहा है.