अभिनव टाइम्स । रेलवे ने स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों के तहत फेरीवालों को ट्रेनों में अपना सामान बेचने की अनुमति देने का फैसला किया है। इसके साथ ही रेलवे की ओर से इन हॉकर या फेरीवालों को स्टेशनों और ट्रेनों में अपना सामान बेचने के लिए डिजाइनर गाड़ियां और कंटेनर भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
इस साल केंद्रीय बजट में घोषित ‘एक स्टेशन एक उत्पाद’ नीति के तहत रेलवे का लक्ष्य प्रत्येक रेलवे स्टेशन पर एक स्थानीय उत्पाद को बढ़ावा देना है। पहले फेरीवाले ट्रेन में सवार होकर स्थानीय उत्पाद बेचते थे, जिनमें ज्यादातर यात्रियों के खाने-पीने की सामग्री हुआ करती थी, लेकिन यह अवैध था और सुरक्षा एवं स्वच्छता की दृष्टि से भी अनुकूल नहीं था।
घरेलू साज-सज्जा से जुड़े सामानों को भी स्टेशनों-ट्रेनों में बेचा जाएगा
हालांकि, अब खाद्य पदार्थों से लेकर घरेलू साज-सज्जा से जुड़े सामानों को भी स्टेशनों और ट्रेनों में बेचा जाएगा। बात सिर्फ यहीं समाप्त नहीं होती। फेरीवालों की गाड़ियों की वजह से प्लेटफॉर्म पर भीड़ न हो, इसके लिए रेलवे ने अहमदाबाद के राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान से करार किया है। संस्थान ने ऐसे कियोक्स डिजाइन किए हैं, जिनमें विभिन्न प्रकार के उत्पाद रखने के लिए अलग-अलग हिस्से बनाए गए हैं। अभी सिर्फ आईआरसीटीसी (IRCTC) से मंजूरी प्राप्ति वेंडर ही स्टेशनों और ट्रेनों में अपना सामान बेच सकते हैं।
बच्चों के लिए टिकट बुकिंग के नियमों में कोई बदलाव नहीं: रेलवे
वहीं, भारतीय रेल ने बुधवार को स्पष्ट किया कि ट्रेन से यात्रा करने वाले बच्चों के लिए टिकट बुकिंग के नियम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। कुछ खबरों में दावा किया गया था कि एक से चार साल तक के बच्चों से अब वयस्क किराया वसूला जाएगा, जिसके बाद रेलवे ने इस संबंध में स्पष्टीकरण जारी किया है।
रेल मंत्रालय के 06 मार्च, 2020 के एक जारी सर्कुलर में कहा गया है कि पांच साल से कम उम्र के बच्चे मुफ्त में यात्रा करेंगे। हालांकि, उस स्थिति में बच्चे के लिए एक अलग बर्थ या सीट उपलब्ध नहीं कराई जाएगी। सर्कुलर में यह भी कहा गया था कि अगर यात्री को अपने पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए अलग से सीट या बर्थ की जरुरत है, तो उनसे वयस्कों वाला किराया लिया जाएगा। हाल ही में कुछ मीडिया खबरों में यह दावा किया गया है कि भारतीय रेल ने ट्रेन में पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए टिकट बुकिंग संबंधी नियम बदल दिया है।