अभिनव टाइम्स । राजस्थान में 2 साल बाद 26 अगस्त को छात्रसंघ चुनाव के लिए वोटिंग हो गई। जबकि 27 अगस्त को काउंटिंग के साथ ही नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को शपथ दिलवाई जाएगी। वहीं आज चुनाव से 10 दिन पहले आचार संहिता लागू हो गई है। यूनिवर्सिटी कैंपस में पोस्टर, बैनर, होर्डिंग के साथ ही बड़ी रैलियों पर रोक लग गई है। वहीं चुनावी खर्च की सीमा 5 हजार रुपय निर्धारित की गई है।
ऐसे में अगर किसी छात्र नेता ने चुनावी खर्च निर्धारित सीमा से ज्यादा किया। तो उसे बैन करने के साथ उसके चुनाव लड़ने पर रोक लग सकती है। DSW की टीम की ओर से लिख लिंगदोह कमेटी की सिफरिशों की पालना के लिए विशेष टीम का गठन किया है। जो नियमों का उल्लंघन करने वाले छात्र नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी करेगी।
RU के ADSW विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि आचार संहिता लागू होने के बाद अब ना तो एडमिशन पर रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही अब कोई भी प्रवेश सूची जारी नहीं होगी। ऐसे में जो छात्र यूनिवर्सिटी में एडमिश ले चुके है। यापहले से यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे है। वहीं चुनाव में वोट देने के हक़दार होंगे। इसके साथ ही जो छात्र नेता चुनाव लड़ने के लिए तैयारी कर रहे हैं। उनके द्वारा अगर आचार संहिता के नियमों का उल्लंघन किया जाता है।
तो ऐसे छात्र नेताओं पर एक साल के बेन के साथ ही उन्हें चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। वहीं यूनिवर्सिटी में लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन करने के लिए विशेष कमेटी का गठन किया गया है। जो पूरे यूनिवर्सिटी कैंपस में चप्पे-चप्पे की निगरानी करेगी। ताकि राजस्थान यूनिवर्सिटी में शांतिप्रिय तरीके से चुनावी प्रक्रिया को पूरा किया जा सके।
लिंगदोह कमेटी की सिफारिशें
- उम्र सीमा यूजी में 22 वर्ष, पीजी के लिए 25 वर्ष व शोध छात्र के लिए 28 वर्ष।
- चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम 75 प्रतिशत उपस्थिति जरूरी।
- चुनाव लड़ने के लिए नियमित छात्र होना जरूरी।
- आपराधिक रिकॉर्ड, मुकदमा, सजा या अनुशासनात्मक कार्रवाई पर चुनाव से बैन।
- एक प्रत्याशी का अधिकतम खर्च पांच हजार रुपये।
- प्रिंटेड पोस्टर, पम्फलेट या प्रचार सामग्री के प्रयोग की अनुमति नहीं।
- कैंपेन में लाउड स्पीकर, वाहन एवं जानवरों का प्रयोग अनुबंधित।