नई दिल्ली। भारत चाहता है कि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) वैश्विक मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में अपनी भूमिका निभाए, जिसका असर सदस्य देशों की अधिकांश अर्थव्यवस्थाओं पर पड़ रहा है। डब्ल्यूटीओ में राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि ब्रजेंद्र नवनीत ने भारत की तरफ से दिए गए बयान में यह बात कही है। उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यापार निकाय के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता अर्थव्यवस्था का पुनरुद्धार होना चाहिए और कोरोना महामारी के बाद और भू-राजनीतिक संकट की स्थिति के दौरान विकास को बनाए रखना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान स्थिति में एक और नई बड़ी परेशानी आ खड़ी हुई है, जो अधिकांश देशों की अर्थव्यवस्थाओं में बढ़ती महंगाई दर है।’’ उन्होंने कहा, “यह भोजन, उर्वरक और ईंधन संकट के माध्यम से फैल रही है और यह अर्थव्यवस्था को तबाह करने वाली है। यह बहुत सारे लाभों का सफाया करने की ओर बढ़ रही है, जो महामारी से पहले हासिल किए गए थे।” यह बयान 4 मई को व्यापार वार्ता समिति (TNC) और प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुख (HoDs) की अनौपचारिक बैठक के दौरान दिया गया था।