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Saturday, November 23

महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर में संविधान पार्क का लोकार्पण

राष्ट्र निर्माण से जुड़ने का अनूठा पर्व: राज्यपाल

राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री कलराज मिश्र ने कहा है कि भारत की स्वाधीनता के 75 वें वर्ष में मनाया जा रहा आजादी का अमृत महोत्सव राष्ट्र निर्माण से जुड़ने का अनूठा पर्व है। उन्होंने आमजन से अपील की कि स्वाधीनता आंदोलन के नायकों की जीवनियों को अभियान चलाकर घर-घर तक पहुंचाएं।

राज्यपाल श्री मिश्र रविवार को आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर में संविधान पार्क लोकार्पण के अवसर पर सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर ऑक्सीजन पार्क का लोकार्पण एवं सोलर पार्किंग का शिलान्यास भी किया। उन्होंने कहा कि पहली बार देश में स्वाधीनता सेनानियों की स्मृति को जीवंत रखने और आजादी आंदोलन से जुड़ी घटनाओं, देश की संस्कृति और गौरवशाली इतिहास को अक्षुण्ण रखने का पर्व देशभर में मनाया जा रहा है। यह अब जन जुड़ाव के उत्सव का रूप ले चुका है।

राज्यपाल श्री मिश्र ने कहा कि संविधान पार्कों के निर्माण का मूल उद्देश्य यह है कि नई पीढ़ी शिक्षा प्राप्त करने के दौरान ही संविधान से जुड़े उच्च आदर्शों से व्यावहारिक रूप में जुड़े। वह इस बारे में जागरूक हो कि संविधान ने हमें अधिकार दिए हैं परन्तु साथ में कर्तव्य भी जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि संविधान की प्रस्तावना ‘हम भारत के लोग’ से प्रारम्भ होती है। यह लोकतांत्रिक शासन पद्धति के साथ इस बात का भी द्योतक है कि संविधान अपनी शक्ति सीधे जनता से प्राप्त करता है। उन्होंने कहा कि संविधान में स्वतंत्रता, समता और बंधुत्व के सिद्धान्तों पर जोर दिया गया है। इसका सीधा सा अर्थ है कि राजनैतिक लोकतंत्र को हमें सामाजिक लोकतंत्र का रूप भी देना चाहिए।

राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थियों में पर्यावरण संरक्षण की चेतना जगाना आज बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि सघन पौधारोपण से ऑक्सीजन की मात्रा में ही वृद्धि नहीं होती बल्कि वायु मंडल के तापमान में भी कमी होती है। इसलिए पौधे लगाने के साथ ही उनका संरक्षण भी उतना ही जरूरी है। उन्होंने आह्वान किया कि हर व्यक्ति वर्षा के समय कम से कम एक पेड़ जरूर लगाए और उसका जीवन पर्यन्त संरक्षण भी करे।

राज्यपाल श्री मिश्र ने कहा कि विश्वविद्यालय में ‘ग्रीन सोलर कॉरिडोर’ के बाद अब सोलर पार्किंग विकसित की जा रही है और ऑक्सीजन पार्क भी बनाया गया है। पर्यावरणीय दृष्टि से ये सराहनीय कदम हैं।

केन्द्रीय कला, संस्कृति एवं संसदीय कार्य राज्यमंत्री श्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि देश की आजादी के लिए अगणित स्वाधीनता सेनानी अंग्रेजों से लोहा लेते शहीद हो गए, जिनके बारे में आज बहुत कम जानकारी है। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर हमें इन गुमनाम स्वाधीनता सेनानी और क्रांतिकारियों की गाथाओं को आम लोगों तक पहुंचाना होगा। उन्होंने विद्यार्थियों द्वारा करीब 17 घंटे में 75 स्वाधीनता सेनानियों के पोट्रेट तैयार करने की सराहना की।

शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने कहा कि तिरंगे की आन, बान, शान से सभी को जोड़ने के लिए पूरे देश और प्रदेश में 13 से 15 अगस्त के बीच हर घर तिरंगा अभियान चलाया जाएगा। इसके अंतर्गत तिरंगा यात्रा निकाल घर- घर में तिरंगा फहराया जाएगा। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को सभी धर्म, संस्कृतियों का सम्मान करते हुए अनेकता में एकता की भावना को आत्मसात करना चाहिए।

ऊर्जा राज्य मंत्री श्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों में संविधान पार्क बनाने के निर्णय से प्रदेश के युवाओं को संवैधानिक मूल्यों के बारे में गहन समझ विकसित करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि राज्यपाल श्री मिश्र के मार्गदर्शन में राजस्थान को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए महती प्रयास किए जा रहे हैं।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनोद कुमार सिंह ने अपने सम्बोधन में विश्वविद्यालय में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत किए जा रहे कार्यक्रमों, संविधान पार्क, अहिंसा पार्क, विवेकानन्द पार्क, ऑकसीजन पार्क सहित विश्वविद्यालय में विकसित की गई खेल सुविधाओं और भावी कार्य योजना के बारे में जानकारी दी।
राज्यपाल के आगमन पर विश्वविद्यालय परिसर तिरंगों से सजाया गया और इस अवसर पर सर्वधर्म यात्रा व तिरंगे हाथ में थाम कर साइकिल रैली भी निकाली गई। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय परिसर में पीपल का पौधा भी लगाया। कार्यक्रम के आरम्भ में राज्यपाल श्री मिश्र ने उपस्थितजन को संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों का वाचन करवाया।

इस अवसर पर बीकानेर महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित, जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल, पुलिस अधीक्षक योगेश यादव, विश्वविद्यालय प्रबन्ध बोर्ड एवं विद्या परिषद् के सदस्यगण, कुलपतिगण, शिक्षाविद्, शिक्षकगण, गणमान्यजन और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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