Welcome to Abhinav Times   Click to listen highlighted text! Welcome to Abhinav Times
Saturday, November 23

छत्तीसगढ़ में चार रुपए लीटर गौमूत्र खरीदेगी सरकार…

28 जुलाई से शुरू होगी खरीदी, अभी हर जिले के दो गौठानों में ही व्यवस्था

अभिनव न्यूज

छत्तीसगढ़ में दो रुपए प्रति किलोग्राम गोबर खरीदी के बाद गौमूत्र खरीदी भी शुरू होने जा रही है। सरकार ने इसके लिए कम से कम चार रुपए प्रति लीटर की दर तय की है। गौठान प्रबंध समिति गौमूत्र खरीदी की दर स्थानीय स्तर पर भी तय कर सकती हैं। इसकी शुरुआत हरेली तिहार यानी 28 जुलाई से हो रही है। पहले चरण में प्रत्येक जिले के दो चयनित स्वावलंबी गौठानों में गौमूत्र की खरीदी की जाएगी।

गोधन न्याय मिशन के प्रबंध संचालक डॉ. अय्याज तम्बोली ने सभी कलेक्टरों को गौठानों में गौमूत्र की खरीदी को लेकर सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने को कहा है। उन्होंने कहा है कि गौमूत्र की खरीदी गौठान प्रबंधन समिति के खाते में उपलब्ध गोधन न्याय योजना से मिली राशि और उसकी ब्याज राशि से करेगी। उन्होंने कलेक्टरों को अपने-अपने जिले के दो स्वावलंबी गौठानों, स्व-सहायता समूह का चयन करने, गौठान प्रबंध समिति तथा स्व-सहायता समूह के सदस्यों को प्रशिक्षण देने के साथ ही गौ-मूत्र परीक्षण संबंधी किट एवं उत्पाद भण्डारण हेतु आवश्यक व्यवस्था करने को कहा है।

कलेक्टरों को चयनित गौठान एवं स्व-सहायता समूह की सूची शीघ्र उपलब्ध कराने को कहा गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसी साल अप्रैल-मई में गौमूत्र खरीदी की घोषणा की थी। उसके बाद कृषि विभाग ने कामधेनु विश्वविद्यालय और इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय से गौमूत्र के वैल्यू एडिशन पर एक अध्ययन कराया। अब चरणवार इसकी शुरुआत की जा रही है।

इस वजह से गौमूत्र खरीदी की ओर बढ़ी सरकार

अधिकारियों का कहना है, गौमूत्र की खरीदी राज्य में जैविक खेती के प्रयासों को और आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे पशुपालकों को गौमूत्र बेचकर अतिरिक्त आय होगी। वहीं महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से जीवामृत, कीट नियंत्रक उत्पाद आदि तैयार किए जाने से रोजगार का जरिया मिलेगा। इन जैविक उत्पादों का उपयोग किसान भाई रासायनिक कीटनाशक के बदले कर सकेंगे, जिससे कृषि में लागत कम होगी।

हरेली से ही शुरू हुई थी गोधन न्याय योजना

सरकार की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना की शुरुआत भी हरेली के दिन हुई थी। 20 जुलाई 2020 से शुरू हुई इस योजना के तहत अब तक 150 करोड़ रुपए से अधिक की गोबर खरीदी की जा चुकी है। गोबर से गौठानों में अब तक 20 लाख क्विंटल से अधिक वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट, सुपर प्लस कम्पोस्ट बनाया जा चुका है। वर्मी खाद का निर्माण एवं विक्रय से महिला स्व-सहायता समूहों और गौठान समितियों को 143 करोड़ से अधिक का भुगतान किया जा चुका है।

Click to listen highlighted text!