रायपुर के एक स्कूल में अचानक व्यवस्था का जायजा लेने स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव एस भारतीदासन पहुंचे। स्कूल में टीचर और स्टाफ समय पर नहीं पहुंचे थे। कई तरह की अव्यवस्था स्कूल में नजर आई। इससे भड़के भारतीदासन ने प्राचार्य समेत स्कूल के 11 कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश जारी कर दिया।
मामला मंदिर हसौद के हायर सेकेण्डरी स्कूल का है। यहां पहुंचे शिक्षा विभाग के सचिव भारतीदासन ने बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता और प्रबंधन की खामियों के चलते गहरी नाराजगी जताई। इस वजह से अफसर ने कहा कि स्कूल के प्राचार्य की दो वेतन वृद्धि, व्याख्याता की एक वेतन वृद्धि रोकी जाएगी। 10 कर्मियों में 7 शिक्षक, एक लिपिक, 2 भृत्य ऐसे थे जो लेट से स्कूल आए इनके आधे दिन का वेतन काटने की कार्रवाई की जा रही है।
जब स्कूल शिक्षा सचिव भारतीदासन मंदिर हसौद में बने इस सरकारी स्कूल में पहुंचे तो उन्होंने देखा कि प्राचार्य प्रेमशिला एक्का लापरवाही बरत रही हैं। ठीक ढंग से पढ़ाई तक स्कूल में नहीं हो रही। स्कूल में शासन की तरफ से दी गई निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें डम्प पड़ी थीं। इसकी जिम्मेदार एल.बी. व्याख्याता भुवनेश्वरी यादव से भी जवाब-तलब किया। प्रमिला वर्मा, एस.के. वर्मा, माला रानी मिश्रा, स्मृति सिंह, मेघा कुसर, हेमलता दीवान, ओंकेश्वर सोनवानी, संगीता ढीढी, हरिराम धृतलहरे और भूपेन्द्र कुमार नाम के स्टाफ पर वक्त पर न आने की वजह से एक्शन लिया जा रहा है।
ली बच्चों की क्लास
स्कूल शिक्षा सचिव एस. भारतीदासन ने अपनी मौजूदगी में ही बच्चों को किताबें बंटवाईं। गणित और विज्ञान की क्लास भी ली। विद्यार्थियों से सवाल पूछे उन्होंने बच्चों से कहा खूब मन लगाकर पढ़ाई करें, मेडिकल, इंजीनियरिंग और प्रशासनिक क्षेत्र में कैरियर बनाने के टिप्स भी दिए। उन्होंने कहा कि सफलता के लिए लगन और मेहनत जरूरी है, सफलता का कोई शार्ट कट रास्ता नहीं होता। वर्तमान दौर प्रतियोगिता का दौर है, इसमें सफल होने के लिए पूरी प्लानिंग के साथ पढ़ाई और निरंतर अभ्यास जरूरी है।