अभिनव न्यूज
नई दिल्ली | बुखार और दर्द की दवा डोलो-650 का प्रोडक्शन करने वाली कंपनी ने एक महीने में 405 करोड़ रुपए की डोलो टैबलेट बेची। साल-2020 से तुलना करें तो एक माह में कंपनी की बिक्री में 205 करोड़ रुपए से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की गई। कंपनी पर सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) का आरोप है कि ब्रांड के प्रचार-प्रसार और प्रोपेगेंडा और डॉक्टर्स को मेडिकल प्रोफेशनल्स को उपहार देने पर कंपनी की ओर से एक हजार करोड़ रुपए खर्च किए।
CBDT अब कंपनी से मिली कागजी और डिजिटल दस्तावेजों को खंगाल कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कहां-कहां वित्तीय अनियमितता हुई है। इसके अलावा छापेमारी में मिले दस्तावेजों को खंगाल कर यह भी जानने का प्रयास कर रही है कि कंपनी की ओर से दवा के प्रमोशन पर जो रकम खर्च की गई, वह किन्हें और किस रूप में दी गई।
गलत तरीके से खर्च हुए 1 हजार रुपए
CBDT दस्तावेजों की जांच के बाद इसकी सूचना नेशनल मेडिकल कमिशन को दे सकती है। छापेमारी के दौरान मिले सबूतों के आधार पर CBDT का कहना है कि कंपनी गलत तरीके से अपने खाताें से एक हजार करोड़ रुपए अपने ब्रांड के प्रमोशन पर खर्च किए जबकि कंपनी की ओर से रिसर्च और डेवलपमेंट पर कम खर्च किए जोकि गलत था।
यही नहीं, छापेमारी के दौरान सीबीडीडी को कंपनी के पास से एक करोड़ 20 लाख रुपए बेहिसाब मिले हैं, जबकि एक करोड़ 40 लाख रुपए का सोना और हीरा भी जब्त किया गया है।