Welcome to Abhinav Times   Click to listen highlighted text! Welcome to Abhinav Times
Saturday, November 23

सिंगल यूज प्लास्टिक के निस्तारण में भीलवाड़ा नजीर:रोज 160 टन प्लास्टिक की खराब ​​​​​​​बाेतलों से 140 टन फायबर निर्माण

बीकानेर | सिंगल यूज प्लास्टिक पर देश में हाल ही रोक लगाई गई है। खुद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल मानता है कि देश में सर्वाधिक प्लास्टिक कचरा बोतलों से आता है। इसका निस्तारण भीा आसानी से नहीं हाेता। ऐसे में भीलवाड़ा नजीर बन रहा है। यहां एक प्लांट में देशभर से पानी की खराब प्लास्टिक बोतलें जुटाकर फायबर बनाया जा रहा है। अन्य फायबर की तुलना में इसकी डिमांड ज्यादा है क्याेंकि इसे टेक्निकल टेक्सटाइल में काम लिया जा रहा है।

प्रक्रिया: 300° पर गलाकर बनाते हैं धागा, यह फायबर ज्यादा किफायती
यूनिट के टेक्नीकल हेड आयुष बांगड़ ने बताया कि बाेतलाें की धुलाई, मशीनाें में कटिंग हाेती है। कचरा हटकर साफ माल निकालते हैं। उससे 10 से 12 एमएम के दाने बना 300° तापमान पर गलाकर धागे में बदलते हैं। प्राेसेस कर फायबर बनाते हैं। यह सफेद हाेता है, जिसे किसी भी रंग में बदल सकते हैं। 400-400 किलाे के राेल में पैक कर धागा बनाने वाली यूनिट में भेज देते हैं।

150 करोड़ रुपएो की लागत
का है यह प्लांट

160 टन से ज्यादा प्लास्टिक बाेतलाें के वेस्ट से रोजाना 140 टन फायबर बन रहा यहां
20 देशाें में निर्यात हो रहा है इस फायबर से बना कपड़ा
150 श्रमिक कार्य करते हैं इस प्लांट में
फायदा : यह फायबर 88 से 92 रु. किलाे है। अन्य फायबर 120 से 300 रु. किलाे है। इस फायबर से बने धागे से हर तरह का कपड़ा बना सकते हैं। पता भी नहीं लगता िक किस फायबर से बना है।

Click to listen highlighted text!