दो साल के लंबे इंतजार के बाद गुरुवार से अमरनाथ यात्रा शुरू हो रही है। ऐसे में प्रशासन सभी व्यवस्थाओं को फिनिशिंग टच देने के लिए ओवरटाइम काम कर रहा है। इस बार रिकॉर्ड 8 लाख लोगों के आने की उम्मीद है। अब तक 3 लाख से अधिक श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं।
आतंकियों की ओर से ड्रोन हमले की आशंका को देखते हुए यात्रा मार्गों पर पहली बार विशेष एंटी ड्रोन सिस्टम लगाई गई है। यह प्रणाली एक विशेष नियंत्रण कक्ष से जुड़ी है, जहां से पल-पल की निगरानी रखी जाती है।
इसके अलावा, सीसीटीवी और ड्रोन की मदद से दोनों मार्गों पर यात्रा की निगरानी की जाएगी। मार्गों को सेक्टरों में बांटा गया है। सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों की एक संयुक्त टीम हर सेक्टर पर तैनात रहेगी।
सुरक्षाबलों के 1 लाख जवानों की तैनाती
3880 मीटर ऊंचाई पर स्थित पवित्र गुफा की 43 दिन लंबी यात्रा पहलगाम के 48 किमी वाले लंबे मार्ग व कश्मीर के बालटाल के 14 किमी वाले छोटे लेकिन दुर्गम मार्ग से एक साथ शुरू होगी। दोनों मार्गों पर हर रोज 10 हजार यात्री ही जा सकेंगे। सुरक्षित और सुगम यात्रा के लिए कड़े बंदोबस्त किए गए हैं।
इस साल जम्मू-कश्मीर के गेटवे लखनपुर से 450 किमी दूर पवित्र गुफा तक सख्त पहरा है। सुरक्षाबलों के 70 हजार से 1 लाख जवान यात्रा मार्ग पर तैनात हैं। यह अब तक की सबसे बड़ा सुरक्षा जमावड़ा है। मार्ग पर सभी पर्वत चोटियों पर सुरक्षा चौकियां बनाई गई हैंं। हर दिन पूरे मार्ग पर चप्पे-चप्पे की गहन जांच की जा रही है। मार्ग पर आने वाले लोगों की 24 घंटे निगरानी की जा रही है।
हर यात्री वाहन की रियल टाइम मॉनिटरिंग
पहली बार यात्रियों को RFID टैग दिए जा रहे हैं, ताकि जीपीएस की मदद से हर यात्री और उन्हें ले जाने वाले वाहन की रियल टाइम मॉनिटरिंग हो सके। CRPF और अन्य सुरक्षा बल यात्रियों के हर एक काफिले को बेस कैंप तक ले जाएंगे। तीर्थयात्रियों की सेवा के लिए करीब 120 लंगर लगाए हैं। यात्रियों में एनर्जी लेवल ठीक रहे, इसलिए जंक फूड पर प्रतिबंध है।
कश्मीर स्वास्थ्य सेवा के निदेशक डॉ. मुश्ताक अहमद राथर बताते हैं कि यात्रा के लिए करीब 100 एम्बुलेंस के अलावा 70 स्वास्थ्य केंद्र बनाए गए हैं, जिसमें 6 बेस अस्पताल, चिकित्सा सहायता केंद्र, आपातकालीन सहायता केंद्र और 26 ऑक्सीजन बूथ हैं। इसके अलावा 11 ऑन-रूट सुविधाएं और 17 अन्य अस्पताल उपलब्ध हैं।
100 क्रिटिकल और बेसिक केयर एम्बुलेंस भी लॉन्चिंग मोड पर रखी गई हैं। डॉक्टर, मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ समेत 1500 लोगों की टीम तीन शिफ्ट में काम करेगी। इसके अलावा, चंदनवाड़ी और बालटाल में 70 बिस्तरों वाले 2 समर्पित अस्पताल तैयार किए गए हैं।
पूरे मार्ग पर 1.3 लाख लोगों के ठहरने की व्यवस्था
तीर्थयात्रियों के लिए पूरे मार्ग पर ठहरने की व्यवस्था की गई है। बालटाल, नुंवन , शेषनाग, पंचतरणी और पवित्र गुफा में टेंट और पूर्वनिर्मित हट मिलेगी। ये आवास करीब 70 हजार यात्रियों की मेजबानी करेगा। कुल मिलाकर लखनपुर से गुफा तक के पूरे मार्ग पर 1.30 लाख तीर्थयात्रियों की मेजबानी की व्यवस्था की है।
घाटी अलर्ट पर, सीमाई इलाकों पर सेना ने शुरू किया तलाशी अभियान
जम्मू में यात्रा मार्ग पाकिस्तानी सीमा के नजदीक है। इसलिए सीमा पार सुरंगों का पता लगाने और घुसपैठ को रोकने के लिए सुरक्षा बल अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तलाशी अभियान चला रहे हैं। बीते 40-42 दिनों में 50 से ज्यादा आतंकियों को मारा गया है। इनपुट हैं कि सीमा पार से 150 आतंकी घुसपैठ की कोशिश में हैं ।
पहली बार हेलिकॉप्टर की मदद से एक दिन में पूरी होगी यात्रा
इस वर्ष यात्री हेलिकॉप्टर सेवा का भी लाभ उठा सकेंगे। पहली बार श्रद्धालु श्रीनगर से पंचतरणी तक आसानी से यात्रा कर सकते हैं और एक ही दिन में पवित्र यात्रा पूरी कर सकते हैं। हुमहामा, पहलगाम और नीलग्राथ में विशेष हेलीपैड बनाए गए है। इमरजेंसी हेलीपैड भी तैयार किए गए हैं। श्रद्धालु श्राइन बोर्ड की वेबसाइट पर हेलिकॉप्टर की बुकिंग करा सकते हैं। अब तक 40 हजार से ज्यादा बुकिंग हो चुकी है।