डूंगरपुर | सिरोही के बाद अब डूंगरपुर में शराब माफिया और पुलिस के गठजोड़ का बड़ा खुलासा हुआ है। एसीबी ने शराब मामले में दर्ज झूठे प्रकरण काे सेंटलमेंट करने की एवज में मासिक बंधी लेते दाे थानाधिकारी व दाे कांस्टेबल काे गिरफ्तार किया है।
इन्हें दो कांस्टेबल के जरिये 3.30 लाख रुपए लेते पकड़ा गया। चार दिन पहले इसी मामले में ये 5 लाख रु. ले चुके थे, जिसेे काेतवाली थाने की अलमारी में रखवाया था। यानी एसीबी ने कुल 8.30 लाख रु. बरामद किए। खास बात है कि ये रकम एसपी सुधीर जाेशी के नाम पर ली गई थी।
उनकी भूमिका की भी जांच की जा रही है। वहीं एसीबी ने काेतवाली थानाधिकारी दिलीपदान चारण, धंबाेला थानाधिकारी भैयालाल आंजना, काेतवाली थाने के कांस्टेबल भाेपाल सिंह व जगदीश विश्नाेई काे गिरफ्तार िकया है। इनके ठिकानों की तलाश की जा रही है।
जयपुर एसीबी के एएसपी बजरंग सिंह शेखावत ने बताया कि 30 मई काे शराब ठेकेदाराें ने शिकायत दी थी कि एसपी के नाम पर बंधी ली जाती है। पहले 5 लाख रु. लिए जाते थे लेकिन इसके बाद हर माह 10 लाख रु. मांगे जाने लगे। इसके बाद एसीबी ने टीम गठित कर सत्यापन किया। इसमें घूस लेने की पुष्टि हुई। इसके बाद गुरुवार को दो थानेदार और दो कांस्टेबल को रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ लिया गया।
जोशी जनवरी 2021 में प्रमोट हुए, फिर सीधे डूंगरपुर एसपी लगे
एसपी सुधीर जोशी प्रमोटी आईपीएस हैं। जनवरी 2021 में उनकी आरपीएस से आईपीएस में पदोन्नति हुई थी। खास बात है कि 4 जनवरी 2021 को सुबह उनकी पदोन्नति हुई और शाम को डूंगरपुर एसपी लगा दिया गया। डेढ़ साल से वे यहीं हैं।
पहले 5 लाख रुपए महीने लेते थे, फिर 10 लाख रु. मांगने लगे
शराब कारोबारियों ने एसीबी को बताया कि पहले एसपी के नाम पर पांच लाख रु. की बंधी ली जाती थी। इसके बाद 10 लाख रुपए की डिमांड की जाने लगी। यही नहीं रकम देने से मना करने पर धमकी दी जात और झूठे मुकदमे कर गिरफ्तार किया जाता है। इसलिए तंग आकर कारोबारियों ने एसीबी डीजी बीएल सोनी के पास शिकायत दी।
थाने की अलमारी में रखे थे घूस के 5 लाख… वे भी बरामद
एसीबी टीम के कुछ सदस्य बुधवार रात काे ही डूंगरपुर आ गए थे। कुछ गुरुवार सुबह आए। सत्यापन के बाद शहर के एक हाेटल में गुरुवार काे रिश्वत राशि लेने कांस्टेबल भाेपाल सिंह पहुंचा। जैसे ही भाेपाल सिंह ने 2.50 लाख रु. लिए, टीम ने उसे पकड़ लिया।
कुछ देर बाद कांस्टेबल जगदीश विश्नाेई भी 80 हजार रु. लेने पहुंचा तो उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया। दाेनाें कांस्टेबल ने थानाधिकारियों के लिए रुपए लिए थे। इसके बाद टीम ने थाने की अलमारी से 4 दिन पहले लिए 5 लाख रु. बरामद किए और दोनों थानेदारों को गिरफ्तार कर लिया।