अभिनव न्यूज, नेटवर्क। हरियाणा की जुलाना विधानसभा सीट से इंडियन रेसलर रहीं विनेश फोगाट ने शानदार जीत दर्ज की है. जुलाना सीट से विनेश ने 5761 वोटो से जीत हासिल की है. विनेश फोगाट एक इंटरनेशलन रेसलर रही हैं. उन्होंने राजनीति के क्षेत्र में कदम रखते ही विरोधियों को मात दी है. आइए जानते हैं उनके राजनीतिक सफर और उनके ओलिंपिक करियर के बारे में.
किससे था मुकाबला?
जुलाना सीट पर कड़ा मुकाबला देखने को मिला. विनेश का यहां सीधा मुकाबला बीजेपी के कैंडिडेट योगेश बैरागी से था. चुनाव में फोगाट की जीत उनके लिए आसान नहीं थी. जुलाना क्षेत्र में बीजेपी का मजबूत जनाधार रहा है. हालांकि, अपने खेल करियर और कुश्ती में देश के लिए पदक जीतने के बाद फोगाट ने राजनीति में भी अपनी एक मजबूत छवि बनाई, जिससे उन्हें जनता का भरपूर समर्थन मिला.
ओलिंपिक से फाइनल में बाहर होना
विनेश फोगाट का खेल करियर भी उतना ही इंट्रस्टिंग और संघर्ष भरा रहा है जितना उनका राजनीतिक सफर. विनेश फोगाट को 2024 के पेरिस ओलंपिक से अयोग्य घोषित कर दिया गया, क्योंकि उनके महिला फ्रीस्टाइल 50 किग्रा फाइनल वजन में उनका वजन 100 ग्राम ज़्यादा था. विनेश अगर फाइनल इवेंट जीत जातीं तो वह स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन जातीं. इसके बाद विनेश फोगाट टूट गईं. सोशल मीडिया पर एक भावुक बयान में विनेश ने कहा- ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान संन्यास की घोषणा कर दी.
2020 के टोक्यो ओलिंपिक में विनेश फोगाट से देश को बड़ी उम्मीदें थीं. लेकिन बदकिस्मती से वह क्वार्टरफाइनल में बेलारूस की पहलवान से हार गईं और बाहर हो गईं. यह हार सबके लिए एक बड़ा झटका थी.
राजनीति में एंट्री
विनेश फोगाट का कांग्रेस में शामिल होना पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा था. उन्होंने राजनीति में आने का फैसला लेते हुए कहा था कि वह हरियाणा के लोगों के लिए खेल और शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर काम करना चाहती हैं. राजनीति में उनके प्रवेश को न केवल उनके समर्थकों बल्कि खेल प्रेमियों ने भी खूब सराहा. चुनावी मंच पर विनेश की सादगी और साफ छवि ने उन्हें जनता का विश्वास जीतने में मदद की.
विनेश की यह जीत हरियाणा की राजनीति में उनके लिए एक नया चैप्टर है. उनकी जीत के बाद प्रदेश की जनता को उम्मीद रहेगी कि वे लोगों के हित में काम करेंगी.