अभिनव न्यूज, बीकानेर। बीकानेर के चित्रकार राम कुमार भादाणी जो कि प्राचीन मथेरण शैली व बीकानेर की सुनहरी कलम (उस्ता शैली ) पर कार्य करते हैं। इन दोनों शैलियों के मिश्रण का जो नयापन सामने आ रहा है, इससे काफ़ी विदेशी सेलानियों को यह काम पसंद आ रहा है। पिछले काफ़ी समय से वे युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए यह बीकानेर गोल्डन आर्ट अकादमी चला रहे हैं।
साथ ही इस कला को आगे बढ़ावा देने का कार्य भी कर रहे हैं। हाल ही में अटलांटा, जॉर्जिया, संयुक्त राज्य अमेरिका के ऐमोरी विश्वविद्यालय से पी. एच. डी. के छात्र एरिक विलालोबॉस जो कि जैन यति परम्परा व उनके सम्बन्ध में मथेरण समाज पर शोध का कार्य कर रहे हैं, मैक्सीको में इनका परिवार है, ये भारतीय धर्मशास्त्रों का अध्ययन रहे हैं। वे खास तौर से जैन परम्परा में मथेरण शैली के बारे में अध्यन कर रहे है। उन्होंने चित्रकार राम कुमार भादाणी से इस कला की बारीकियां और जानकारियों के साथ साथ-साथ एक दिवासीय प्रशिक्षण भी लिया। उन्होंने बीकानेर की बादल चित्रकला शैली को सीख कर खुद को गोरवन्वित महसूस किया। भादाणी ने बताया कि उन्होंने बीकानेर के प्राचीन हिन्दू, जैन मंदिर व जैन दादाबाड़ी में जो प्राचीन कार्य हो चुके हैं, एरिक को उनकी बारीक़यों से रुबरू करवाया साथ ही इस मथेरण शैली की विशेषताओ के बारे में बताया ।