अभिनव न्यूज, चूरू। पिता वह स्तंभ होता है जो पूरे परिवार को एक साथ जोड़कर रखता है। वो किसी भी परीस्तिथियों में हार नही मानते हैं। हम आजकल जो भी हैं वह उनके ही त्याग और समपर्ण की वजह से हैं। सादुलपुर तहसील खबरपुरा गांव के जयकरण तेतरवाल ने पिता की भूमिका निभाने में कोई कसर नही छोड़ी। उन्होंने दिनरात मेहनत कर अपनी बेटियों को कामयाब बनाया। उनके छह बेटियां हैं उनमें अपनी चार बेटियों का सरकारी नौकरी में चयन हुआ है। सुनीता कुमारी एएनएम सीएचसी मोजमाबाद दूदू जयपुर में, अनीता कुमारी तृतीय श्रेणी शिक्षिका पद पर राउप्रावि ढूकरियासर डूंगरगढ़ बीकानेर, सुलोचना कुमारी तृतीय श्रेणी शिक्षिका के पद राउमावि जनाऊ खारी,प्रियंका कुमारी तृतीय श्रेणी शिक्षिका के पद राऊप्रावि हमीरवास झुंझुनूं में कार्यरत हैं।
पिता कर रहे खेती बाड़ी
जयकरन तेतरवाल गांव की पुश्तैनी जमीन में कड़ी मेहनत से खेतीबाड़ी का काम कर अपनी बेटियों को पढ़ाकर कामयाब बनाया। खेतीबाड़ी के अलावा परिवार में आय का दूसरा कोई स्रोत नही है। पिता ने बताया कि बेटियों को पढ़ा लिखाकर कामयाब होने का सपना देख रहा था। जो सच हो गया। खेतों में पसीना बहाकर चार बेटियों का सरकारी नौकरी में चयन होने पर अब अपने आप पर गर्व महासूस हो रहा है। सुनीता, अनीता, प्रियंका, सुलोचना ने बताया की पिताजी भले ही कम पढ़े लिखे हो, लेकिन उनकी सोच बहुत बड़ी थी। दिन रात मेहनत कर हमें कामयाब बनाया। हमें कभी भी किसी भी प्रकार की कमी महासुस नही होने दिया। जिसका परिणाम आप सबके सामने है। जयकरन तेतरवाल स्वयं कक्षा नौ तक पढ़े पत्नी सरती देवी निरक्षर हैं। बेटियों को कामयाब देख दोनों खुश हैं।