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Friday, September 20

राजस्थान सरकार के मंत्री ने लू को बताया प्राकृतिक आपदा कहा, हीटवेव से मौतों का मुआवजा…

अभिनव न्यूज, नेटवर्क। राजस्थान के आपदा प्रबंधन एवं राहत मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने शनिवार को कहा कि हीटवेव और भीषण ठंड के कारण होने वाली मौतों को एसडीआरएफ आपदा राहत कोष के तहत कवर किया जाना चाहिए, और इस कारण होने वाली मौतों का मुआवजा भी एसडीआरएफ आपदा राहत कोष के तहत दिया जाना चाहिए। मैं मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से इस पर विचार करने का आग्रह करूंगा।

लू एक प्राकृतिक आपदा है
राजस्थान के मंत्री ने कहा, 8-10 दिन पहले हमने हीटवेव दिशानिर्देश जारी किए थे, जो जिला प्रशासन के माध्यम से आम जनता तक पहुंचे। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि राज्य में लगातार हीटवेव की स्थिति के कारण पांच लोगों की मौत हो गई है। पोस्टमॉर्टम से यह साबित हो गया है कि राज्य में पांच लोगों की मौत की वजह लू है। विपक्ष द्वारा दावा किया गया हीटवेव से होने वाली मौत के आंकड़े सच्चाई से बहुत दूर हैं। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि लू एक प्राकृतिक आपदा है। मनरेगा श्रमिकों के बारे में बोलते हुए किरोड़ी लाल मीणा ने आगे कहा, ‘गर्मी से राहत देने के लिए हमनें समय बदलकर शाम 5:30 बजे से 12:30 बजे कर दिया गया है। मजदूरों को पूरा भुगतान और पर्याप्त छाया और उचित पेयजल की सुविधा प्रदान की गई है।

कल मिले हीटस्ट्रोक के 50 मरीज
एक अधिकारी ने कहा कि चूंकि देश के कई अन्य हिस्सों में लू लगातार जारी है। ऐसे में शुक्रवार सुबह ओडिशा के सुंदरगढ़ में राउरकेला सरकारी अस्पताल (आरजीएच) में हीटस्ट्रोक से चार लोगों की मौत हो गई। अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम), राउरकेला, आशुतोष कुलकर्णी ने हीटवेव से संबंधित मौतों के बारे में विवरण साझा करते हुए कहा, ‘जिले में अत्यधिक हीटवेव की स्थिति के बाद कल 50 से अधिक मरीजों को आरजीएच अस्पताल लाया गया, जिसके बाद उन सभी को भर्ती कराया गया. हीटस्ट्रोक से चार लोगों की मौत हो गई और राउरकेला के अस्पताल में उनकी मौत हो गई।

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