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Friday, September 20

शराब की दुकानों का अजब खेल, दिन में सामने से, रात को दरवाजे के पीछे से बेचते हैं शराब

अभिनव न्यूज, नेटवर्क। आबकारी विभाग के अधिकारियों और पुलिस की मेहरबानी से कस्बे में स्वीकृत शराब की दोनों दुकानों के मुख्य दरवाजे के साथ दुकान के पीछे भी छोटे दरवाजे हैं। दुकानों से रात के अंधेरे से शुरू कर सुबह के उजाले में सरेआम शराब बेची जा रही है। दिन में सामने और रात को पिछले दरवाजे से शराब की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है इसके बावजूद भी जिम्मेदार इसकी अनदेखी इस कदर कर रहे हैं कि मानों उन्हें कुछ पता ही नहीं हैं।

आबकारी विभाग के साहवा थाना क्षेत्र के प्रभारी एवं सीआई विद्याधर पूनियां ने बताया कि साहवा कस्बे में भादरा सड़क व भालेरी सड़क किनारे चल रही शराब की दोनों दुकानों में जो पिछले छोटे दरवाजे खोल रखे हैं जो नियम विरुद्ध हैं। जिसे लेकर कई बार कार्रवाई भी की गई मगर उनकी शिकायतें बंद नहीं हुई। गुरुवार को अधिकारियों ने बताया कि इसे स्थाई रूप से बंद करवाने के लिए शुक्रवार को मौके पर पहुंच कर पिछले दरवाजे बंद करवाने की कार्रवाई करेंगे और दोनों दुकानों के दोनों दरवाजों के ताले लगाकर सील करके चाबियां साथ लेकर आएंगे।

दिखाते हैं रोब नहीं है कोई खोफ

उल्लेखनीय है कि साहवा कस्बे में भादरा व भालेरी सड़क पर दो अलग अलग शराब की दुकानें स्वीकृत हैं, स्वीकृत किसी और के नाम से हैं और संचालन में कई लोग हिस्सेदार बन कर रहे हैं। भालेरी सड़क किनारे की दुकान पर नए मालिक ने नाम तक नहीं लिखा रखा है तो लाईसेंसधारी का नाम गत वर्ष वाला ही चल रहा है। वर्तमान में जिसके नाम से स्वीकृत है उसका कोई बोर्ड व नाम, अवधि व पता आदि का नामों निशान भी नहीं है फिर भी उसके नाम से गत सवा साल से शराब बेची जा रही है। इन दुकानों में दिन में सामने से लेकिन रात को पिछले दरवाजे से शराब बेची जा रही है।

कभी लो शराब मिलेगी

कस्बे में ड्राई डे हो या आठ बजे बाद देर रात तक कभी भी शराब ठेको की दुकानों पर पहुंचकर शराब ले सकते है। शराब ठेका संचालकों को ना नियमों की परवाह है और ना ही अधिकारियों का भय ये तो खुलेआम बैखोफ होकर अवैध रूप से शराब बेच रहे हैं। जबकि राजस्थान सरकार द्वारा शराब की दूकानों का समय सुबह दस बजे से रात आठ बजे तक निर्धारित कर रखा है लेकिन कस्बे में शराब के ठेकेदार तथा उसके पाटनर बिना किसी भय से सरेआम शराब बेच रहे हैं।

आबकारी नियमों में एक ही दरवाजा

आबकारी नियमानुसार शराब की आवंटित दुकान की बल्यू प्रिंट नक्शें में कोई खिड़की नहीं होती फिर भी अगर शराब कि दुकान संचालित करने वाले को पीछे के हिस्से में छोटा दरवाजा खुला रखते हैं जो नियम विरूद्ध है। जिसको लेकर आबकारी विभाग के अधिकारी तथा स्थानीय पुलिस अधिकारी मूकदर्शक बने बैठे हैं।

शाम आठ बजे बाद शटर बंद, खुल जाती है पीछे की खिड़की

कस्बे में संचालित दोनों शराब के ठेको के पीछे खिड़कियों से देर रात तक धडल्ले से अवैध रूप से शराब की बिक्री की जा रही है। 19 अप्रैल को हुए लोकसभा चुनाव को लेकर घोषित सुखा दिवस पर भी आबकारी विभाग ने देर रात इन दुकानों को सील तो कर दिया मगर पिछले दरवाजे से शराब बेचने का खेल बदस्तुर जारी रहा। कुछ जागरूक लोगों ने आबकारी विभाग राजगढ़ के सीआई सहित कई अधिकारियों को अवगत भी करवाया लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ।

क्या कहते है अधिकारी

आबकारी विभाग द्वारा शराब की अधिकृत दुकानों में केवल एक ही दरवाजा खुला रखने की स्वीकृति होती है। अगर कोई दूसरा दरवाजा या खिड़की आदि खुली रखता है तो वह लाईसेंस की शर्तों के विरुद्ध है। साहवा की दुकानों के इस मामले को लेकर पहले भी कई बार कार्रवाई करते हुए उनके पलेंटी आदि लगाई जा चुकी है। शुक्रवार को साहवा जाकर दोनों दुकानों के पीछे के दरवाजों के ताले लगाकर सील कर दिया जायेगा।

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