Welcome to Abhinav Times   Click to listen highlighted text! Welcome to Abhinav Times
Friday, September 20

जोगणियां माता मंदिर में चढ़ाया गया 1 किलो का सोने का कलश, श्रद्धालुओं की जुटी भीड़

भीलवाड़ा-चित्तौड़गढ़ | की सीमा पर स्थित जोगणिया माता में नवनिर्मित मंदिर के शिखर पर सात दिवसीय कलश प्रतिष्ठा महोत्सव में 51 कुंडीय महायज्ञ का समापन शुक्रवार को हुआ है. शुक्रवार को मंदिर शिखर पर 1 किलो सोने के कलश की स्थापना विधि-विधान और पूजा अर्चना के साथ हुई. 

राजस्थान में भीलवाड़ा-चित्तौड़गढ़ की सीमा पर स्थित जोगणिया माता में नवनिर्मित मंदिर के शिखर पर सात दिवसीय कलश प्रतिष्ठा महोत्सव में 51 कुंडीय महायज्ञ का समापन शुक्रवार को हुआ है. शुक्रवार को मंदिर शिखर पर 1 किलो सोने के कलश की स्थापना विधि-विधान और पूजा अर्चना के साथ हुई.

इस मौके पर लाखों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में स्वर्ण कलश मंदिर के शिखर पर चढ़ाया गया. वहीं, नवनिर्मित देवनारायणजी, शिव परिवार, चौसठ योगिनी, काल भैरव और बटुक भैरव मंदिरों के शिखर पर कुल ढाई सौ ग्राम सोना मिश्रित कलश स्थापित किए गए. वहीं, हनुमान मंदिर पर धातु मिश्रित कलश चढ़ाया, जोगणियां माता मंदिर पर आयोजित अनुष्ठानों का सीधा प्रसारण जोगणिया माता यूट्यूब फेसबुक पर किया जा रहा है. 

जोगणियां माता शक्तिपीठ प्रबंध एवं विकास संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष सत्यनारायण जोशी ने बताया कि जोगणिया माता में मुख्य मंदिर के शिखर पर चढ़ाए जाने वाले कलश का कुल वजन 1582 किलोग्राम है, गुजरात के दक्ष कारीगरों ने कलश को भव्यता का आकार दिया है. मुख्य कलश बनाने में 1 किलो सोना 81 किलो तांबा धातु का उपयोग किया गया है. कलश की ऊंचाई 55 इंच और चौड़ाई 41 इंच हैं. जोगणिया माता मंदिर परिसर स्थित चार मंदिरों पर छोटे कलश स्थापित किए गए. इसमें कुल ढाई सौ ग्राम सोना लगा है. वहीं हनुमान मंदिर के शिखर पर विशेष धातु का कलश स्थापित किया गया.

मंदिर शिखर पर स्थापित थम्भ को पाताल से जोड़ा गया हैं. अन्य मंदिरों पर 17 इंच के तीन कलश, 7 इंच का एक कलश, 17 इंच का एक अन्य कलश तांबा निर्मित कलश और थंभ बनाने वाले गुजरात के कारीगर हरीश चंद्र सोमपुरा ने बताया कि बच्चा जब मां के गर्भ में होता है, तो उसकी नाभि मां के पेट से जुड़ी होती है, ताकि पोषण मिल सके. 

इसी तरह मंदिर के शिखर पर लगाए जाने वाले थंभ का लिंक पाताल से होता है. जोगणिया माता मंदिर के शिखर पर पीतल निर्मित थंभ लगाया गया है. इसमें घंटियां लगी है, जो हवा के साथ घंटियां बजेगी, पीतल से निर्मित थंभ की ऊंचाई 20 फीट और वजन 300 किलोग्राम है. ‘

Click to listen highlighted text!