अभिनव न्यूज, नेटवर्क। कांग्रेस राज में बनाए गए 17 जिलों में से दो जिलों को पुलिस ने अव्यवहारिक माना है। पुलिस मुख्यालय ने सरकार को दूदू और खैरथल-तिजारा से पुलिस जिले का दर्जा हटाने की राय दी है। गृह विभाग ने इस पर अभी अन्तिम निर्णय नहीं लिया है। पुलिस मुख्यालय को जवाब दिया है कि सभी नए रेवन्यू जिलों की समीक्षा की जा रही है, उसके बाद ही निर्णय लिया जाएगा। दरअसल, सरकार ने ही पुलिस से दूदू और खैरथल तिजारा जिले को लेकर टिप्पणी मांगी थी। इस पर पुलिस ने यह राय दी है। पुनर्गठन शाखा की ओर से भेजे जवाब में बताया कि दूदू में मात्र तीन थाने हैं। यहां वृत्ताधिकारी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधीक्षक तीनों का कार्यक्षेत्र समान है। ऐसे में पुलिस जिले का औचित्य नहीं है। पुलिस जिले के लिए भारी बंदोबस्त करने होते हैं, जो मात्र तीन थाना क्षेत्र के लिए उपयुक्त नहीं हैं। उल्लेखनीय है कि इस क्षेत्र में अपराध भी अपेक्षाकृत कम हैं। दूदू में तीन थाने दूदू, फागी व मौजमाबाद हैं। इसमें भी मौजमाबाद थाना वर्ष 2023 के उसी बजट में बनाया गया है, जिस बजट में दूदू को जिला बनाने की घोषणा की गई थी। तीनों थानों में वर्ष 2023 में 1,396 एफआईआर दर्ज हुई हैं। इसी तरह खैरथल-तिजारा को लेकर भी कहा है कि पहले से भिवाड़ी पुलिस जिला बना हुआ है। अपराध पंजीकरण के मुताबिक भिवाड़ी बड़ा जिला है। खैरथल-तिजारा को पुलिस जिला बनाना क्षेत्र की जनसंख्या, आबादी व अपराध के हिसाब से व्यवहारिक नहीं है। उल्लेखनीय है कि इस क्षेत्र में पांच थाने हैं। मुंडावर, कोटकासिम, खैरथल, ततारपुर व किशनगढ़ बास एक ही पुलिस सर्कल के अधीन है। जबकि भिवाड़ी में आठ थाने हैं। ऐसे में खैरथल-तिजारा जिला भिवाड़ी में ही शामिल किया जाना चाहिए।