Welcome to Abhinav Times   Click to listen highlighted text! Welcome to Abhinav Times
Friday, September 20

राजस्थान हाईकोर्ट से आसाराम को लगा बड़ा झटका, खारिज हुई याचना

अभिनव न्यूज, नेटवर्क। राजस्थान हाईकोर्ट ने नाबालिग से यौन शोषण के आरोप में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे आसाराम की एम्स, नई दिल्ली में सर्जरी की सलाह के बावजूद आयुर्वेद केंद्र या मेदांता अस्पताल में सर्जरी करवाने की याचना को खारिज कर दिया। न्यायाधीश दिनेश मेहता तथा न्यायाधीश विनित कुमार माथुर की खंडपीठ में आसाराम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जेएस चौधरी ने कहा कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), जोधपुर के मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट में कहा गया है कि मरीज की स्थिति बहुत गंभीर है और उनका उच्च केंद्र में उपचार आवश्यक है।

मेडिकल बोर्ड ने दिया ऐसा सुझाव

मेडिकल बोर्ड ने एम्स, नई दिल्ली में उपचार का सुझाव दिया है, लेकिन चौधरी ने कहा कि याचिकाकर्ता को आयुर्वेद विज्ञान में अधिक विश्वास है और वह चाहता है कि उसका इलाज आयुर्वेद पद्धति से जोधपुर के आरोग्यधाम केंद्र या डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद यूनिवर्सिटी में करवाया जाए। उन्होंने दलील दी कि यह एक मरीज का अधिकार है कि वह अपनी इच्छा के अनुसार अपना इलाज करवाए। खंडपीठ ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि एक मरीज को अपनी इच्छा से इलाज करवाने का अधिकार है, परंतु मामले के तथ्यों के आधार पर इस तरह के अधिकार को पूर्ण अधिकार नहीं माना जा सकता।

क्यों खारिज हुई याचना

याचिकाकर्ता आयुर्वेद केंद्र में इलाज करवाना चाहता है, लेकिन याचिका में इसकी प्रार्थना नहीं की गई है। पहले भी याची के समर्थकों की ओर से जिस तरीके से अनियंत्रित व्यवहार देखा गया है, एक निजी आयुर्वेद केंद्र में याचिकाकर्ता का इलाज न केवल पुलिस और प्रशासन के लिए चुनौतियां पैदा करेगा, बल्कि अशांति का कारण भी बनेगा। कोर्ट ने आयुर्वेद यूनिवर्सिटी या आरोग्यधाम केंद्र में उपचार की याचना को खारिज कर दिया। साथ ही मेदांता अस्पताल, गुरुग्राम या जयपुर के इटरनल हार्ट केयर सेंटर (ईएचसीसी) जैसे निजी अस्पताल में इलाज के अनुरोध को भी इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि याचिकाकर्ता को एम्स, नई दिल्ली में सर्जरी की सलाह दी गई है।

Click to listen highlighted text!