अभिनव न्यूज, बीकानेर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को बीकानेर शहर के अंदरूनी मार्गों पर रोड़ शो करने आ रहे हैं। शायद उनका मकसद बीकानेर जिले की सातों विधानसभा सीटों के लिए प्रचार करने का न होकर केवल बीकानेर की पूर्व और पश्चिम सीट पर भाजपा का परचम फहराने का ही रहा होगा, अन्यथा वे पूर्व को स्पर्श करते हुए मुख्य रूप से बीकानेर पश्चिम क्षेत्र में रोड़ शो न करते। हर बार विधानसभा और लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री अथवा दोनों दलों के प्रमुख राष्ट्रीय नेता बीकानेर आते हैं लेकिन वे किसी बड़े स्टेडियम में आम सभा करके जिले भर में अपनी पार्टी को जिताने का लोगों से आग्रह करते हैं लेकिन इस बार प्रधानमंत्री के इस रोड़ शो के औचित्य और उद्देश्य पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो रहे हैं। बीकानेर शहर की दो प्रमुख सीटों पूर्व और पश्चिम में कांग्रेस के शहर जिलाध्यक्ष यशपाल गहलोत और राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री बी डी कल्ला चुनाव लड़ रहे हैं। खबर लिखे जाने तक कांग्रेस की ओर से किसी बड़े नेता के बीकानेर आने का कोई प्रोग्राम नहीं है। बीकानेर पश्चिम सीट पर इस बार भाजपा ने हिन्दूवादी छवि वाले जेठानंद व्यास को मैदान में उतारा है तो बीकानेर पूर्व में तीन बार की विधायक सिद्धी कुमारी चौथी बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। शायद भाजपा पूर्व सीट पर सिद्धी कुमारी और कोलायत सीट पर देवीसिंह भाटी के पौत्र अंशुमान सिंह भाटी की जीत को लेकर आश्वस्त है। पार्टी पश्चिम की सीट पर कांग्रेस के बड़े और अनुभवी नेता बी डी कल्ला के सामने उतारे गए जेठानंद व्यास की जीत सुनिश्चित करना चाहती है, इसीलिए प्रधानमंत्री की बीकानेर यात्रा का केन्द्र बिन्दु पश्चिम सीट को रखा गया है। बीकानेर जिले की नोखा सीट के सम्बन्ध में जानकारों का मत है कि इस सीट पर किसान नेता रामेश्वर डूडी की अस्वस्थता के चलते सहानुभूति वोट उनकी पत्नी सुशीला डूडी के पक्ष में पड़ना तय है, इसलिए शायद भाजपा और अन्य दल नोखा को कांग्रेस के झोली में मानकर चल रहे हैं।
खाजूवाला में जनमत भाजपा के पक्ष में जाता दिख रहा है। डूंगरगढ़ में मुकाबला त्रिकोणीय बन गया है, एक तरफ वर्तमान विधायक कॉमरेड गिरधारी महिया हैं, दूसरी तरफ कांग्रेस के पूर्व विधायक मंगलाराम गोदारा हैं तो भाजपा से एक बार फिर भाग्य आजमा रहे ताराचंद सारस्वत हैं। माना जा रहा है कि इस बार डूंगरगढ़ में मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही रहेगा क्योंकि वर्तमान विधायक यदि जीत भी जाते हैं तो भी न तो उनकी सरकार बनेगी और न ही वे मंत्री बनकर क्षेत्र को कोई विशेष लाभ दिला पांएंगे। डूंगरगढ़ जैसी ही स्थितियां बीकानेर की लूणकरणसर सीट पर बनी हुई हैं। यहां कांग्रेस के उम्मीदवार राजेन्द्र मूंड हैं और भाजपा से वर्तमान विधायक सुमित गोदारा मैदान में हैं। यहां दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री वीरेन्द्र बेनीवाल कांग्रेस के बागी हैं और निर्दलीय ताल ठोक रहे हैं। हालांकि यहां पर प्रभुदयाल सारस्वत भी जोर आजमाइश कर रहे हैं लेकिन फिलहाल उनका बहुत अधिक जोर दिखाई नहीं दे रहा। लूणकरणसर में तीनों प्रमुख विधायक उम्मीदवार जाट समाज से हैं। इस सीट के लिए भाजपा को यहां तक आए हुए प्रधानमंत्री जी का लाभ ले लेना चाहिए था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने सम्मोहन से पश्चिम के परिणाम भाजपा के पक्ष में लाने के प्रयास करेंगे। भले ही वे बीकानेर के सभी विधानसभा क्षेत्रों में न जाएं लेकिन उनकी बीकानेर यात्रा सभी सीटों के माहौल को कमोबेश प्रभावित जरूर करेगी। देश के अनेक प्रदेशों में चुनावी चौसर बिछी हुई है शायद इसलिए प्रधानमंत्री का दौरा संक्षिप्त रखा गया है।