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Saturday, November 23

डॉ.श्याम अग्रवाल हॉस्पिटल में बालिकाओं का सम्मान

बालिकाएं आत्म विश्वास के साथ लक्ष्य की ओर बढ़े-डॉ.बिस्सा

अभिनव न्यूज, बीकानेर। जस्सूसर गेट के बाहर स्थित डॉ.श्याम अग्रवाल हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर में रविवार को विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिभा हासिल करने वाली 11 बालिकाओं का सम्मान किया गया। मुख्य अतिथि व मुख्य वक्ता मोटीवेशनल गुरु डॉ.गौरव बिस्सा ने कहा कि बालिकाएं आत्म विश्वास के साथ लक्ष्य की ओर बढ़े, मोबाइल के सदुपयोग करें तथा डिजीटल प्रदूषण से दूर रहें। मोबाइल की बजाए अच्छी पुस्तकों को साथी बनाएं। अच्छी पुस्तकों को पढ़ने, उसके अनुसार चलने वालों का जीवन अनेक अच्छाइयों से भरा होता है।

उन्होंने बताया कि मोबाइल पर वर्तमान में घटिया सामग्री परोसी जा रही है, जिससे बाल मन विकृत हो रहा है। हमें बालक-बालिकाओं को मोबाइल से दूर रखने का प्रयास करना चाहिए। नारी हर युग में पूजनीय व वंदनीय रही है। नारी का सम्मान आदर करने वाले घर परिवार में देवताओं का निवास माना गया है। डॉ. बिस्सा ने प्रेरणादायक कविता ’’ परो को खोल, जमाना उड़ान देखता है’’ सुनाई। वरिष्ठ मीडिया कर्मी शिवकुमार सोनी ने डॉ.बिस्सा को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।

कवि कथाकार राजाराम स्वर्णकार ने अतिथि के रूप में जिन्दगी के मर्म को समझ पाया नहीं’’ कविता सुनाई तथा बालिकाओं को आगे बढ़ने की सीख दी। स्वर्णकार की कविता को सम्मानित हुई बालिका अंशु भारती शर्मा ने लयबद्ध गीत रूप में सुनाकर सराहना ली। उन्होंने स्वास्तिक वाचन किया। कार्यक्रम संयोजक कवि-कथाकार संजय आचार्य ’’वरुण’’ ने कहा कि डॉ.श्याम अग्रवाल हॉस्पिटल एवं रिसर्च संस्थान चिकित्सा के साथ सामाजिक सरोकार को देखते हुए पिछले कई वर्षों से विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली बालिकाओं को सम्मानित करने का अनुकरणीय कार्य कर रहा है। कार्यक्रम में ’’वरुण’ का सम्मान अतिथियों ने किया

डॉ.श्याम अग्रवाल ने कहा कि पिछले दो दशक से शिक्षक व चिकित्सक के प्रति आम लोगों का नजरिया बदला है। पूर्व वर्षों में विश्वास के साथ जो सम्मान दिया जाता था अब नहीं दिया जा रहा । इसमें कई शिक्षक व चिकित्सक भी दोषी है,जिन्होंने सेवा की बजाए अपने कार्य, व्यवहार को व्यावसायिक कर कर्तव्य, निष्ठा व ईमानदारी से सेवा भावना से कार्य करने वाले शिक्षकों व चिकित्सकों की भूमिका पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है। समाज को चाहिए कि वे सेवाभावी शिक्षकों व चिकित्सकों को पूर्ण सम्मान दे तथा उन पर पूर्ण भरोसा रखे। अवसर पर कवि बाबू लाल छंगाणी ने काव्य पाठ किया।
इन बालिकाओं का हुआ सम्मान- सुश्री मीनाक्षी स्वर्णकार,निशा सोनी, आरती छंगाणी,अदिति व्यास, नेहा जोशी, चैतन्या गौड, नवनिधि सोनी तान्या कौशिक, जोया फातिमा, नासिरा परवीन, विनीता सुथार। सभी को अतिथियों ने स्मृति चिन्ह, पौधा व उपहार प्रदान कर सम्मानित किया

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