अभिनव न्यूज, नेटवर्क। प्रवर्तन निदेशालय ने राजस्थान में प्रश्नपत्र लीक मामले में राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के सदस्य बाबूलाल कटारा और अनिल कुमार मीणा को गिरफ्तार कर लिया है। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि कटारा और मीणा को धनशोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया है। एक विशेष अदालत ने उन्हें तीन दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेजा है। राजस्थान पेपर लीक मामले में ईडी के ऐक्शन से सूबे का सियासी माहौल गरमा गया है। विपक्षी भाजपा ने गहलोत सरकार पर जोरदार हमला बोला है।
केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राजस्थान चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी ने शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा- कल ईडी की छापेमारी में मुख्यमंत्री के एक करीबी को गिरफ्तार किया गया है। अगर उनमें थोड़ी भी शर्म है तो उन्हें तुरंत अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए क्योंकि उन्होंने ही उन्हें राजस्थान लोकसभा आयोग का सदस्य बनाया था। सीएम अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
इसके साथ ही जोशी ने राज्य में जल जीवन मिशन में भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा- क्या यह अच्छी बात है कि राजस्थान भ्रष्टाचार में नंबर वन है। विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ पर कटाक्ष करते हुए जोशी ने कहा कि यह समूह हिंदू विरोधी नीति अपना रहा है जिसके लिए जनता उसे सबक सिखाएगी। विपक्ष के पास न तो नेता है और न ही नीति, ऐसे में जनता इस गठबंधन को गंभीरता से नहीं लेगी।
मालूम हो कि ईडी ने वरिष्ठ अध्यापक ग्रेड दो की भर्ती के लिए आरपीएससी द्वारा 21 से 24 दिसंबर 2022 के बीच आयोजित की परीक्षा के सामान्य ज्ञान का प्रश्नपत्र लीक होने के संबंध में राजस्थान पुलिस द्वारा दर्ज मामले की जांच का जिम्मा संभाला है। आरोप है कि कटारा ने प्रश्नपत्र लीक किया और उसे मीणा को बेच दिया और मीणा ने अन्य लोगों की मदद से इसे आठ से दस लाख रुपये में अभ्यर्थियों को बेचा। ईडी ने पांच जून को आरोपियों के 15 परिसरों पर छापे मारे थे। इसके अलावा ईडी ने बाबूलाल कटारा, अनिल मीणा उर्फ शेर सिंह मीणा और अन्य की लगभग 3.11 करोड़ रुपये की संपत्ति अस्थायी तौर पर कुर्क की थी।