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Saturday, November 23

फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी को मिली डी. लिट की मानद उपाधि, कलराज मिश्र ने किया सम्मानित

अभिनव न्यूज, नेटवर्क। राजस्थान के भरतपुर के महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय के विशेष दीक्षान्त समारोह में कुलाधिपति राज्यपाल कलराज मिश्र ने हेमा मालिनी को इस उपाधि से सम्मानित किया गया है। लोकसभा सदस्य और प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी को जयपुर में डी.लिट की मानद उपाधि दी गई। राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजभवन में महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय के विशेष दीक्षान्त समारोह में हेमा मालिनी के अलावा हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीश डॉ दलबीर भंडारी को विधि में डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया।

इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि समाज में अपने बूते विशिष्ट पहचान बनाने वाली विभूतियों की उपलब्धियों को सम्मान देना महती कार्य है। इससे युवा पीढ़ी को लीक से हटकर अपनी प्रतिभा को निखारने की प्रेरणा मिलेगी। देश-विदेश में विशिष्ट स्थान बनाने वाली विभूतियों को एकेडमिक ऑनर देने की ये परम्परा अन्य विश्वविद्यालयों के लिए भी अनुकरणीय है।

डॉ दलबीर भंडारी ने भारत को दिलाई वैश्विक पहचान

राज्यपाल मिश्र ने कहा कि डॉ दलबीर भंडारी ने भारत को न्यायिक क्षेत्र में अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है. डॉ भंडारी ने संयुक्त राष्ट्र की परियोजना भारत में आपराधिक न्याय प्रशासन के अंतर्गत महती कार्य किया है और लॉ एडुकेशन के तहत किए गए कार्य भी विशेष स्थान रखते हैं। जबकि हेमा मालिनी भारतीय संस्कृति के जीवन मूल्यों से जुड़ी हैं। उन्हें विश्वविद्यालय ने जो उपाधि दी है, उसके पीछे मंशा भी यही है कि कलाओं की भारतीय दृष्टि को सम्मान मिले और नई पीढ़ी भी इसे समझे. इस दौरान मौजूद रहे उच्च शिक्षा मंत्री राजेन्द्र यादव ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से बालिकाओं के लिए उच्च शिक्षा के अवसर बढ़े हैं और महाविद्यालयों में बालिकाओं के नामांकन में भी बढ़ा है।

उपाधि प्राप्त करना उनके लिए खुशी की बात

जबकि सम्मानित हुए न्यायाधीश डॉ दलबीर भंडारी ने कहा कि अपने ही प्रदेश में डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्राप्त करना उनके लिए खुशी की बात है। जबकि हेमा मालिनी ने कहा कि वे नृत्य नाटिकाओं के जरिए देश की सांस्कृतिक विरासत के प्रसार का कार्य कर रही हैं। इस दौरान दोनों विभूतियों ने राजभवन में निर्मित संविधान उद्यान को संवैधानिक जागरुकता की दृष्टि से महत्वपूर्ण नवाचार बताया। साथ ही कहा कि इसमें संविधान निर्माण के इतिहास और इससे जुड़े सांस्कृतिक मूल्यों को सहज और सरल रूप में दर्शाया गया है। 

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