अभिनव न्यूज, नेटवर्क। राजस्थान में सत्र 2023-24 में कालेजों एवं विश्वविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाए जाएंगे। शिक्षा विभाग ग्रुप 4 ने आदेश जारी कर दिए है। जारी आदेश के अनुसार शिक्षा की गुणवत्ता के दृष्टिगत कुलपतिगणों ने कहा कि छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाए जाने चाहिए। शनिवार को ससीएम अशोक गहलोत ने छात्र संघ चुनाव नहीं कराने के संकेत दिए थे।
इसके बाद देर रात शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पर उच्च शिक्षा मंत्री राजेंद्र यादव ही फैसला करेंगे, हालांकि उन्होंने ये जरूर कहा कि जब चुनाव बंद हो गए थे, तब उन्होंने ही चुनाव शुरू करवाए थे। उनसे बड़ा कमिटमेंट चुनाव को लेकर किसी और का नहीं हो सकता। आज जिस तरह से छात्र पैसे खर्च कर रहे हैं, जैसे एमएलए – एमपी के चुनाव लड़ रहे हों. उन्होंने पूछा कि आखिर कहां से पैसा आ रहा है, और इतने पैसे क्यों खर्च किए जा रहे हैं?।
लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों की धज्जियां उड़ा रहे है
सीएम गहलोत ने कहा कि छात्र नेता जो लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं, उसको पसंद नहीं करते हैं। विधानसभा के चुनाव भी नजदीक आ रहे है। इस दौरान उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि तीन लड़कों ने जोधपुर में रेप किया, वो भी छात्रसंघ चुनाव का कैंपेन करने के लिए जोधपुर आए हुए थे। जिनका ये कैरेक्टर हैं, वो शिक्षा दे रहे हैं. रेप की घटनाएं पूरे हिंदुस्तान में हो रही है, लेकिन राजस्थान पुलिस 2 घंटे, 4 घंटे में ही अपराधियों को पकड़ लेती है।
छात्रसंघ चुनाव के लिए छात्रों ने किया था प्रदर्शन
बीते डेढ़ महीने से प्रदेश भर के राजकीय विश्वविद्यालय और सरकारी कॉलेजों विशेषकर राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव की सरगर्मियां देखने को मिल रही है। छात्र नेता शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों को एकत्रित करने में पैसा बहा रहे हैं. गाड़ियों का रेला चल रहा है, लेकिन इसका नकारात्मक संदेश सीएम तक पहुंचा है। यही वजह है कि उन्होंने चुनाव घोषित होने से पहले ही छात्र नेताओं की ओर से खर्च किए जा रहे पैसे और लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के उल्लंघन को लेकर चिंता जाहिर की है। हाल ही में राजधानी जयपुर में छात्रसंघ चुनाव कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। जिस पर पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।