अभिनव न्यूज, जयपुर। गलत लाइफ स्टाइल और ओवरवेट के कारण आजकल कम उम्र में हीं घुटने खराब हो जाते है। कम डैमेज में भी पूरे घुटने को रिप्लेस करना पड़ता है। ऐसे कंडीशन में ऑपरेशन के बाद भी पेशेंट को कई तरीके की परेशानी होती है।
इसी को देखते हुए राजस्थान में पहली बार शैल्बी अस्पताल जयपुर में अमेरिकन टेक्नोलॉजी की मदद से ‘टक्सप्लास्टी’ नामक नए प्रकार की नी रिप्लेसमेंट सर्जरी की गई। यह सर्जरी शैल्बी के सीनियर जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ. दीपक सैनी ने की है । डॉ. दीपक सैनी का कहना है कि टक्सप्लास्टी एक क्रांतिकारी नी रिप्लेसमेंट प्रक्रिया है और पारंपरिक पार्शियल नी रिप्लेसमेंट की तुलना में इसके खास फायदे हैं ।
टक्सप्लास्टी में इस्तेमाल विटामिन ई पॉली बहुत कम घिसावट दर के साथ जाइंट रिप्लेसमेंट के टाइमिंग को काफी बढ़ाता है। घुटने का केवल एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो और उसे बदलना हो तो टक्सप्लास्टी एक आदर्श प्रक्रिया है। यह भारत में विटामिन ई पॉली का उपयोग करने वाली पार्शियल नी रिप्लेसमेंट सर्जरी का प्रकार है।
डॉ. दीपक सैनी ने बताया- कृष्णा देवी टक्सप्लास्टी के लिए एक आदर्श केस थी क्योंकि उनके दोनों घुटने का केवल एक हिस्सा ही क्षतिग्रस्त हुआ था। कृष्णा देवी के घुटनो को सीमित क्षति हुई थी और इसलिए हमने उनके मामले में टक्सप्लास्टी करने का फैसला किया। टक्सप्लास्टी में ताहो यूनिकोन्डाइलर नी सिस्टम इम्प्लांट का उपयोग किया जाता है, जिसे रिसर्च के बाद अमेरिका में शैल्बी एडवांस्ड टेक्नोलॉजी के इम्प्लांट मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में विकसित किया गया है। अमेरिका के जाने-माने जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन ने इस अनोखे जॉइंट इम्प्लांट को विकसित करने के लिए इम्प्लांट डेवलपर्स के साथ सहयोग किया है।