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Friday, September 20

5 अगस्त को होगा यूनिफॉर्म सिविल कोड पर फैसला? इस BJP नेता ने किया बड़ा दावा

अभिनव न्यूज, नई दिल्ली यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) यानी समान नागरिक संहिता पर देश में पिछले कुछ दिनों से लगातार चर्चा और राजनीति तेज हो गई है। 27 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार यूनिफॉर्म सिविल कोड पर खुलकर बात की थी।

पीएम ने कहा था कि आजकल समान नागरिक संहिता के नाम पर भड़काया जा रहा है। परिवार के एक सदस्य के लिए एक नियम हो, दूसरे सदस्य के लिए दूसरा नियम हो तो क्या वो घर चल पाएगा? अगर एक घर में 2 कानून नहीं चल सकते तो फिर एक देश में 2 कानून कैसे चल सकते हैं।

‘5 अगस्त भी आने वाला है और यूनिफॉर्म सिविल कोड भी’

पीएम के बयान से ये साफ हो गया कि मोदी सरकार जल्द ही इसे लेकर कानून ला सकती है। तभी से UCC को लेकर लगातार विपक्षी पार्टियों की तरफ से राजनीतिक प्रतिक्रियाएं सामने आ रही थी ऐसे में अब बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बड़ा बयान दिया है।

कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर कहा, ”5 अगस्त को हुआ राम मंदिर का निर्णय हुआ था। 5 अगस्त को ही जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाई गई थी। 5 अगस्त भी आने वाला है और यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) भी। जय श्री राम।”

क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड?
समान नागरिक संहिता यानी सभी धर्मों के लिए एक ही कानून। अभी होता ये है कि हर धर्म का अपना अलग कानून है और वो उसी हिसाब से चलता है। भारत में आज भी ज्यादातर धर्म के लोग शादी, तलाक और जमीन जायदाद विवाद जैसे मामलों का निपटारा अपने पर्सनल लॉ के मुताबिक करते हैं। मुस्लिम, ईसाई और पारसी समुदाय के अपने पर्सनल लॉ हैं। जबकि हिंदू सिविल लॉ के तहत हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध आते हैं।

समान नागरिक संहिता को अगर लागू किया जाता है तो सभी धर्मों के लिए फिर एक ही कानून हो जाएगा यानि जो कानून हिंदुओं के लिए होगा, वही कानून मुस्लिमों और ईसाइयों पर भी लागू होगा। अभी हिंदू बिना तलाक के दूसरे शादी नहीं कर सकते, जबकि मुस्लिमों को तीन शादी करने की इजाजत है। समान नागरिक संहिता आने के बाद सभी पर एक ही कानून होगा, चाहे वो किसी भी धर्म, जाति या मजहब का ही क्यों न हो। बता दें कि अभी भारत में सभी नागरिकों के लिए एक समान ‘आपराधिक संहिता’ है, लेकिन समान नागरिक कानून नहीं है।

UCC के विरोध की वजह क्या?
– मुस्लिमों संगठनों का ज्यादा विरोध   
– धार्मिक स्वतंत्रता का हवाला दे रहे
– शरिया कानून का हवाला दे रहे
– धार्मिक आजादी छीने जाने का डर

मोदी के बयान पर सबसे पहले धर्म के नाम पर सियासी तकरीरे देने वाले AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार किया। ओवैसी ने कहा कि पीएम मोदी वोट पोलराइज करने की कोशिश कर रहे हैं।

ओवैसी ने पूछा कि क्या हिन्दू मैरिज एक्ट खत्म हो जाएगा? क्या मोदी अनडिवाइडिड हिंदू फैमिली एक्ट खत्म कर देंगे? क्या ईसाइयों और दूसरी जनजातियों की परंपराओं पर पबांदी लगा दी जाएगी? ओवैसी के साथ ही कांग्रेस पार्टी को भी पीएम मोदी के बयान में सियासत दिखी। छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि यूनीफॉर्म सिविल कोड से सिर्फ मुसलमान नहीं हिन्दू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन सभी धर्मों के लोग प्रभावित होंगे इसलिए सरकार को कानून थोपने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।

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