अभिनव न्यूज। महापौर सहित 50 पार्षदों ने मुख्यमंत्री को भेजा इस्तीफा,13 घंटे से दे रहे हैं धरना, बोले- अतिरिक्त आयुक्त को करें निलंबित राजस्थान में चुनावी साल शुरू होने के साथ ही कांग्रेस सरकार की परेशानी भी बढ़ने लगी है।
जयपुर के नगर निगम हेरिटेज में अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र वर्मा से नाराज होकर महापौर मुनेश गुर्जर 40 से ज्यादा पार्षदों के साथ नगर निगम में ही धरने पर बैठ गई हैं। गुर्जर ने कहां की अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र वर्मा ने मेरे और निगम के पार्षदों के साथ बदतमीजी करते हुए अभद्र भाषा का प्रयोग किया है। इसके साथ ही वह जनता के काम और सफाई जैसे मुद्दों को लेकर लगातार काम में भी ढिलाई बरत रहे हैं। जिससे शहर की सफाई व्यवस्था चौपट हो रही है।
जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे में अगर जल्द से जल्द सरकार ने अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र वर्मा को निलंबित नहीं किया। तो मेरे साथ नगर निगम के पचास पार्षद बोर्ड और पार्षद पद से इस्तीफा देंगे। इसके बाद मुनेश ने 50 पार्षदों के साथ अपना इस्तीफा लिख मुख्यमंत्री को भेज दिया है। दरअसल, नगर निगम के पार्षदों को उनके इलाकों में पांच अस्थायी कर्मचारी दिए जाते हैं। इसके लिए अतिरिक्त आयुक्त के निर्देशन में गठित टीम टेंडर प्रकिया निकलने वाली थी।
पार्षदों का आरोप है कि राजेन्द्र वर्मा पिछले 15 दिनों से टेंडर नोटशीट पर साइन नहीं कर रहे हैं। जबकि क्षेत्र में मानसून को देखते हुए कर्मचारियों की आवश्यकता है। 15 दिन बाद शुक्रवार को 50 पार्षद महापौर के पास गए और टेंडर नोटशीट पर साइन कराने की बात कही। इस पर महापौर मुनेश गुर्जर ने अतिरिक्त आयुक्त वर्मा को अपने ऑफिस में बुलाया।
लेकिन वर्मा के नहीं आने पर सभी पार्षद उनके कक्ष में गए और उन्हें जबरन महापौर के कक्ष में ले आए। जहां वर्मा ने एक बार फिर साइन नहीं करने की बात कही। इसके बाद वर्मा की महापौर और पार्षदों से बहस हो गई।