अभिनव न्यूज, बीकानेर। राजस्थानी-हिन्दी के वरिष्ठ साहित्यकार एवं ख्यातनाम शिक्षाविद् स्व. नरपतसिंह सांखला की स्मृति में वर्ष 2022 से स्थापित राज्य स्तरीय पुरस्कार के तहत दूसरा राज्य स्तरीय नरपतसिंह सांखला हिन्दी कहानी पुरस्कार जयपुर के वरिष्ठ साहित्यकार एवं ख्यातनाम शिक्षाविद् राजेन्द्र मोहन शर्मा को उनकी चर्चित कहानी संग्रह ‘मन के सबरंग‘ के लिए संस्थान द्वारा अर्पित किया जाएगा।
संस्थान के संस्थापक समन्वयक संस्कृतिकर्मी संजय सांखला ने बताया कि स्व. सांखला की स्मृति में स्थापित 11000/- रूपये के इस दूसरे राज्य स्तरीय पुरस्कार के निर्णायक श्री डूंगरगढ़ के वरिष्ठ आलोचक डॉ मदन सैनी, पाली सोजत के वरिष्ठ साहित्यकार वीरेन्द्र लखावत एवं जोधपुर के वरिष्ठ कहानीकार वाजिद हसन काजी रहे।
संस्थान के अध्यक्ष वरिष्ठ कवि-कथाकार कमल रंगा ने बताया कि जयपुर के वरिष्ठ साहित्यकार एवं ख्यांतनाम शिक्षाविद् राजेन्द्र मोहन शर्मा की चर्चित पुस्तकें ‘गंगाराम‘ (कहानी संग्रह), टेढी बत्तीसी एवं रंजना की व्यंजना (व्यंग्य संग्रह), विनायक सहस्र सिद्धे (उपन्यास), विनायक सहस्र बुद्धे (उपन्यास), सुदेव शुक (उपन्यास), महात्मा विदुर (उपन्यास), महामना मार्कण्डेय (उपन्यास), डार्क ड्रीम्स एण्ड यलो शेड्स (उपन्यास), महात्मा गांधी समग्र दर्शन, डॉ. सुब्बाराम और महात्मा गांधी, पल-पल बदलती दुनिया सहित कई हिन्दी की चर्चित पुस्तकों के साथ आपने राजस्थानी लोककथाएं का रचाव भी किया है। राजेन्द्र मोहन शर्मा द्वारा रचित 20 बाल साहित्य की चर्चित पुस्तकें भी प्रकाशित है। इसके साथ ही आप द्वारा शिक्षा से संबंधित साहित्य रचते रहे है।
साहित्य की अन्य विधाओं और समसामयिक विषयों पर भी राजेन्द्र मोहन शर्मा लगातार सृजन करते रहे है। साथ ही आपकी कई दशकों से रचनाएं प्रतिष्ठित राज्य एवं देश की पत्र-पत्रिकाओं में निरन्तर प्रकाशित होती रही है।
आपको नेपाल और भारत सरकार द्वारा संयुक्त रूप से प्रदत ‘साहित्य समर्था’ पुरस्कार मिला हुआ है। इसी तरह राजस्थान साहित्य अकादेमी द्वारा भी आपकी चर्चित काव्य पुस्तक ‘आखिर क्यों’ के लिए पुरस्कृत किया जा चुका है।
श्री राजेन्द्र मोहन शर्मा अनेक राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर प्रतिष्ठित सम्मान से समादृत हो चुके है।
स्व. नरपतसिंह सांखला स्मृति संस्थान के सचिव वरिष्ठ शायर कासिम बीकानेरी ने बताया कि राजेन्द्र मोहन शर्मा को घोषित उक्त पुरस्कार शीघ्र बीकानेर में भव्य समारोह के तहत 11000/- की नगद राशि शॉल, माला, प्रतिक चिन्ह आदि अर्पित कर किया जाएगा।