अभिनव न्यूज
जयपुर। राजस्थान में आज भी 14 जिलों में बारिश-आंधी का अलर्ट है। वहीं, पिछले कई दिनों से चल रहा आंधी-बारिश का दौर कल से थमने लगेगा। 6 जून से राज्य में मौसम शुष्क रहने के साथ गर्मी तेज होने लगेगी।
कई शहरों में तापमान अगले 3-4 दिन में बढ़कर 43-44 डिग्री सेल्सियस तक आ सकता है। पश्चिमी राजस्थान के कुछ एरिया में आगामी दिनों में हीटवेव भी चल सकती है। राज्य में इस बार मानसून की एंट्री पिछले साल की तरह देरी से हो सकती है। मानसून सामान्य से 7-8 दिन या उससे भी ज्यादा दिन की देरी से राज्य में प्रवेश कर सकता है।
राजस्थान में इस सीजन अधिकतम तापमान 46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा है, जो 13 मई को जैसलमेर में दर्ज हुआ था। इसके बाद किसी भी शहर में इतना तापमान इस सीजन में नहीं रहा। अजमेर, जयपुर, सीकर, उदयपुर, अलवर में इस बार टेम्प्रेचर 44 डिग्री सेल्सियस तक नहीं पहुंचा है। वर्तमान में राज्य के सभी शहरों में तापमान सामान्य से 4-8 डिग्री सेल्सियस नीचे बना हुआ है। कल सबसे ज्यादा तापमान 39.3 डिग्री सेल्सियस धौलपुर में दर्ज हुआ।
आज बारिश-आंधी का अलर्ट
मौसम केन्द्र जयपुर ने राज्य में आज भी बारिश और आंधी का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग से जारी रिपोर्ट के मुताबिक अजमेर, अलवर, भरतपुर, दौसा, जयपुर, झुंझुनूं, करौली, सवाई माधोपुर, सीकर, टोंक के अलावा पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर, चूरू, नागौर और जैसलमेर एरिया में मौसम में बदलाव के साथ थंडरस्टॉर्म गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं।
20 से 24 जून के बीच होती है राजस्थान में मानसून की एंट्री
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक राजस्थान में इस बार राजस्थान में मानसून की एंट्री भी देरी से हो सकती है। प्रदेश में मानसून की एंट्री की सामान्य तारीख 20 से लेकर 24 जून के बीच रहती है। इसके पीछे कारण मानसून की केरल में एंट्री लेट होना और स्थिति अनुकूल नहीं होना है।
इसके अलावा एक अन्य कारण जून के दूसरे सप्ताह तक हवा की स्थिति (पूर्व और दक्षिण पूर्व दिशा से चलने लगेगी) बदलने की संभावना है। पिछले साल केरल में मानसून 29 मई को आया था, जबकि राजस्थान में इसकी एंट्री 30 जून को हुई थी।
कमजोर रह सकता है मानसून
मौसम केन्द्र नई दिल्ली से जारी पूर्वानुमान के मुताबिक इस सीजन दक्षिण-पश्चिम मानसून कमजोर रह सकता है। राज्य समेत देश के कई हिस्सों में इस बार बरसात औसत से कम होने का अनुमान जताया है। राजस्थान में भी इस बार बारिश औसत से 4-5 फीसदी कम हो सकती है। इसके पीछे कारण अल नीनो इफेक्ट माना जा रहा है।