अभिनव टाइम्स | करीब चालीस दिन तक पीने के पानी को तरस रहे पश्चिमी राजस्थान में अब सिंचाई पानी के लिए नया विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, नहर विभाग ने तीन में एक बारी पानी देकर किसानों की खरीफ की फसल के लिए परेशानी पैदा कर दी है। किसानों को अब नहर में दो बारी पानी चाहिए ताकि पंद्रह दिन के अंतराल में वो अपनी फसल की प्यास बुझा सके।
इंदिरा गांधी नहर परियोजना की नहरों को फसल खरीफ 2022 के दौरान 4 जून सुबह 6 बजे से 29 जून तक सायं 6 बजे तक 3 में से एक समूह में सिंचाई के लिए पानी चलाने की व्यवस्था की गई है। नहर विभाग की पहली प्राथमिकता पेयजल है। इंगानप क्षेत्रीय विकास के अतिरिक्त आयुक्त दुर्गेश कुमार बिस्सा की ओर से जारी कार्यक्रम के अनुसार 4 जून प्रातः 6 बजे से 12 जून सायं 6 बजे तक ग्रुपों का वरीयता समूह क ,ख , ग रहेगा। 12 जून शाम 6 से 21 जून प्रातः 6 बजे तक ग्रुपों का वरीयता समूह ख, ग, क का रहेगा। कार्यक्रम के अनुसार 21 जून प्रातः 6 से 29 जून शाम 6 बजे तक ग्रुपों का वरीयता समूह ग, क, ख रहेगा।
किसानों में आक्रोश, भाजपा मैदान में
नहर को तीन भागों में विभक्त करके एक बारी पानी देने के निर्णय से किसानों में नाराजगी है। दरअसल, कुछ ही दिन में खरीफ की फसल को पानी की जरूरत होगी। ऐसे में अगर पूरा पानी नहीं मिलेगा तो फसल बर्बाद हो जाएगी। अगले बीस दिन तक मानसून के आने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है।
वर्तमान में अनूपगढ़ शाखा में पेयजल आपूर्ति के लिए पानी चलाया जा रहा हैं। लेकिन आईजीएनपी में 75 दिन बाद 4 जून से सिंचाई पानी का रेग्युलेशन जारी हो जायेगा। जिसमें सिंचाई पानी के लिए 3 में से 1 समूह में नहरें चलेगी। किसान संगठनों की मांग हैं कि 4 में से 2 समूह में सिंचाई के लिए पानी चलाया जाए। ताकि खरीफ की फसलों को सही ढंग से पकाया जा सकें। क्योंकि किसानों को चिंता है कि जून माह में सिर्फ एक ही बारी पानी की मिलेगी, जिससे खरीफ की फसल पक नहीं पायेगी।
मिल सकता है सिंचाई पानी
नहर विभाग द्वारा रेग्युलेशन में 9650 क्यूसेक पानी निर्धारित किया गया हैं, अगर 500-700 क्यूसेक पानी और मिल जाये तो चार में से दो समूह में नहरें चल सकती है। किसान नेता प्रशांत बिश्नोई के अनुसार वर्तमान समय खरीफ की फसल के लिए उपयुक्त समय है। इस समय खेतों को पर्याप्त पानी चाहिए जिससे पर्याप्त समय मे फसलों की बिजाई हो सके, लेकिन पानी के आगामी रेग्युलेशन से किसानों को उचित समय में बिजाई तथा फसल का पकाव होता नजर नही आ रहा है। किसान नेता शिवदत सिघड़ ने आरोप लगाते हुए कहा कि पोंग डैम में पूरा पानी होने के बाद भी राज्य सरकार व सिंचाई विभाग इलाके को उजाड़ना चाहती हैं। डैम में इतना पानी होने के बावजूद सरकार और नहर विभाग फसलों के लिए किसानों को पानी उपलब्ध नही करवा पा रहे है तो कब करवाएंगे, यदि समय रहते किसानों को पूरा पानी नही दिया गया तो रावला-घड़साना आंदोलन जैसे हालात पैदा हो जाएंगे जिसकी जिम्मेदार भी सरकार होगी।
पूर्व संसदीय सचिव डॉ. विश्वनाथ मेघवाल ने संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन से मिलकर किसानों की मांग रखी है। मांग रखी कि बीबीएमबी से अतिरिक्त पानी लेकर किसानों को 4 में से 2 समूह में पानी दिया जाए, ताकि नहरी क्षेत्र का किसान बिजाई कर सकें। इस पर संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन ने हनुमानगढ़ चीफ अमरजीत सिंह मेहरड़ा से बात कर अतिरिक्त पानी देनें, इसके लिए बीबीएमबी व पंजाब के उच्चाधिकारियों से बात करें।